पीसीबी की शर्तों में है पेच, भारत खेलने नहीं जाएंगे
पाकिस्तान ने कहा कि उसकी क्रिकेट टीम अगले तीन साल भारत में होने वाले किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के लिए खेलने नहीं जाएगी। उसके मैच भी दुबई में आयोजित किए जाएं। दरअसल, 2025 में भारत में आईसीसी महिला वनडे और 2026 में आइसीसी टी-20 पुरुष टूर्नामेंट का आयोजन होना है।फाइनल भी दुबई में खेले जाएं
पाकिस्तान ने कहा कि चैपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के लीग मुकाबले दुबई में आयोजित हो सकते हैं लेकिन इस टूर्नामेंट का फाइनल लाहौर में ही खेला जाएगा। यदि चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल दुबई में होता है तो भारत में खेले जाने वाले आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल भी दुबई में होने चाहिए। बीसीसीआई ने पाक की बात मानने से साफ इनकार कर दिया है।मुश्किल में ब्रॉडकास्टर
नियमों के अनुसार किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में 100 दिन पहले कार्यक्रम और स्थान की घोषणा कर दी जाती है लेकिन 19 फरवरी से शुरू होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में अभी तक कुछ भी तय नहीं है। ब्रॉडकास्टरों को टूर्नामेंट के लिए विज्ञापन स्लॉट भी बेचने पड़ते हैं, जो उसकी कमाई का मुख्य जरिया है। यदि चैंपियंस ट्रॉफी स्थगित होती है तो सबसे ज्यादा नुकसान ब्रॉडकास्टरों का होगा।चैंपियंस ट्रॉफी 2025 ही नहीं… भारत बनाम पाक के मुकाबले अगले 3 साल तक खेले जाएंगे इस देश में!
80 फीसदी कमाई भारत से
आईसीसी को सालाना जो कमाई होती है, उसमें से 80 फीसदी से ज्यादा पैसा भारत से आता है। आईसीसी ने 2024 से 2027 तक के लिए भारत में होने वाले मैचों के प्रसारण के लिए डिज्नी स्टार के साथ 2540 करोड़ रुपए का अनुबंध किया है।आईसीसी से सालाना मिलती है मोटी रकम
– 5082 करोड़ रुपए सालाना सदस्य देशों को देती है आईसीसी– 4213 करोड़ रुपए 12 पूर्ण सदस्य देशों को मिलते हैं।
– 568 करोड़ रुपए एसोसिएट सदस्यों के दिए जाते हैं।
आईसीसी से किस देश को मिलती है कितनी राशि
भारत – 1956 करोड़ रुपए (38.50 फीसदी)इंग्लैंड – 350 करोड़ रुपए (6.89 फीसदी)
ऑस्ट्रेलिया – 317 करोड़ रुपए (6.25 फीसदी)
पाकिस्तान – 292 करोड़ रुपए (5.75 फीसदी)
न्यूजीलैंड – 240 करोड़ रुपए (4.37 फीसदी)
वेस्टइंडीज – 232 करोड़ रुपए (4.58 फीसदी)
श्रीलंका – 229 करोड़ रुपए (4.52 फीसदी)
बांग्लादेश – 226 करोड़ रुपए (4.46 फीसदी)
साउथ अफ्रीका – 222 करोड़ रुपए (4.37 फीसदी)
आयरलैंड – 152 करोड़ रुपए (3.01 फीसदी)
जिम्बाब्वे – 149 करोड़ रुपए (2.94 फीसदी)
अफगानिस्तान – 142 करोड़ रुपए (2.80 फीसदी)