मिचेल जॉनसन ने यह भी कहा कि मार्नस लाबुशेन वह भले ही क्रीज पर टिके रहने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इससे काम नहीं चल रहा है। उन्हें टीम से बाहर करने का यह मतलब नहीं होगा कि टेस्ट क्रिकेट में उनका भविष्य अधर में लटक गया है या वह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त नहीं है।
पढ़े: IND vs AUS: हेज़लवुड के एडिलेड में न होने से भारत के लिए राह आसान होगी लाबुशेन लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने पिछली दस टेस्ट पारियों में 13.66 की औसत से रन बनाए हैं। पिछले 11 महीनों में उन्होंने एक बार 10 रन से अधिक की पारी खेली है, जोकि इस साल न्यूजीलैंड के खिलाफ 90 रन के तौर पर आया था। मिचेल जॉनसन ने यह भी कहा कि क्रिकेटरों को अपने करियर में किसी समय बाहर कर दिया जाता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इससे कैसे उबरते हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत पूरी ताकत लगा चुका है। उसके सामने किसी के लिए खेलना मुश्किल होगा। कभी-कभी टीम में नए खिलाड़ियों की मौजूदगी ऊर्जा का संचार करती हैं और एकजुट करती है। एक नया बल्लेबाज भी स्पष्टता के साथ और कम दबाव के साथ खेल अपना स्वाभाविक खेल खेल सकता है, जैसा कि हमने देखा। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहले टेस्ट में भारत के हाथों 295 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में 30 वर्षीय लाबुसेन ने दो पारियों में मात्र पांच रन बनाए।