क्रिकेटर से कमेंटेटर बने चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच यानि पिंक बॉल टेस्ट के लिए भारत को गेंदबाजी विभाग में किसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहिए। दरअसल, चेतेश्वर पुजारा का इशारा रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की ओर था। इस दौरान उन्होंने पर्थ में विकेट और गति दोनों के मामले में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए डेब्यू गेंदबाज हर्षित राणा की प्रशंसा की। पुजारा ने वाशिंगटन सुंदर की भी जमकर तारीफ की और उन्हें एकादश में अपनी जगह बनाए रखने का समर्थन किया। उन्होंने याद दिलाया कि इस ऑलराउंडर को बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देने की क्षमता के लिए ही भारतीय टीम में चुना गया था।
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भारत की ओर से एक और ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने शानदार प्रदर्शन से प्रभावित किया है। उन्होंने पर्थ टेस्ट में बल्ले से 41 और 38 रन का योगदान दिया था। नीतीश पर्थ में पहली पारी में भारत के लिए शीर्ष स्कोरर रहे, जहां भारतीय टीम सिर्फ 150 रन पर ढेर हो गई थी। जहां तक उनकी गेंदबाजी का सवाल है तो उन्हें अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों की तुलना में कम मौके मिले, बावजूद नीतीश रेड्डी छाप छोड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने पर्थ टेस्ट मैच में एक विकेट लिया। ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री XI के खिलाफ अभ्यास मैच में भी नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर ने अच्छा प्रदर्शन किया। दोनों ने बल्लेबाजी में भी हाथ दिखाए और 42-42 रन बनाए।
बुमराह, सिराज और हर्षित की तिकड़ी क्यों है अहम?
एडिलेड ओवल में अब तक खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया अजेय रही है। यहां ऑस्ट्रेलियाई टीम को कोशिश होती है कि पहले बल्लेबाजी कर बड़ा स्कोर बनाए और दूसरे दिन शाम को विपक्षी टीम पर अपनी तेज गेंदबाजी से कहर बरपाए। पिंक बॉल टेस्ट में शाम के बाद का समय बेहद अहम हो जाता है जहां कृत्रिम रोशनी में तेज गेंदबाजी असरदार हो जाती है। ऐसे में अनुभवी तेज गेंदबाजी तिकड़ी भारत के लिए अहम हो जाती है। भारत के लिए हर्षित राणा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। इसलिए दूसरे टेस्ट के लिए इस तिकड़ी में बदलाव की संभावना बेहद कम है। सुंदर और नीतीश रेड्डी के प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाए रखने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि अश्विन और जडेजा के पास भारत की प्लेइंग इलेवन में वापसी के लिए इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।