साइकॉलोजी से क्रिकेट में मिली मदद
सोशल मीडिया पर बीसीसीआई की ओर से शेयर किए गए वीडियो में प्रतिका ने बताया कि मैंने साइकॉलोजी पढ़ी है। मैं हमेशा से यह जानने को उत्सुक थी कि हम मैदान पर और मैदान के बाहर चीजों को कैसे मैनेज करते हैं। साइकॉलोजी से मुझे
क्रिकेट में भी बहुत मदद मिली है। जब मैं मैच से पहले मैदान पर होती हूं तो खुद से बहुत सारी सकारात्मक बातें करती हूं।
खेल और पढ़ाई दोनों में अव्वल
प्रतिका खेल और पढ़ाई दोनों में अव्वल रही हैं। उन्होंने बताया कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में उन्होंने 92.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, जिसके बाद दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज से साइकॉलोजी में ग्रेजुएशन किया। प्रतिका ने बताया कि स्कूल में वे बास्केटबॉल खेलती थीं और 2019 में स्कूल नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। पिता प्रदीप रावल हैं क्रिकेट अंपायर
प्रतिका के पिता प्रदीप रावल दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के लेवल-2 अंपायर हैं। प्रतिका ने 10 साल की उम्र से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी। उनके पहले कोच श्रवण कुमार थे, उसके बाद प्रतिका को पूर्व क्रिकेटर दीप्ति ध्यानी ने भी ट्रेनिंग दी। प्रतिका 2021 से 2024 की शुरुआत तक दिल्ली के लिए खेलीं, लेकिन अब वे रेलवे का प्रतिनिधित्व करती हैं।