6 साल की निराशा झेलने के बाद श्रीलंका के तेज गेंदबाज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा
शाहरुख ने तमिलनाडु के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 19 गेंदों में नाबाद 40 रन बनाए थे। इसके अलावा शाहरुख ने फाइनल मुकाबले में बड़ौदा के खिलाफ सात गेंदों में नाबाद 18 रन बनाए थे। तमिलनाडु ने यह मुकाबला जीत खिताब जीता था।
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शाहरुख ने कहा, मुझे लगता है कि मेरे अंदर बड़े शॉट्स खेलने की प्राकृतिक क्षमता है। मैं इस पर काम करता हूं और इसमें और सुधार करने की कोशिश करता हूं। उन्होंने कहा, मैंने अंडर-13 वर्ग से खेलना शुरु किया और मुझे लगा कि मैं क्रिकेट में अपना कॅरियर बना सकता हूं। अपने आयु वर्ग में मैंने बहुत रन बनाए इससे मुझे मदद तथा प्रेरणा मिली जिससे मैं अपने खेल को अगले स्तर पर ले जा सकूं।
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तमिलनाडु की ओर से पांच प्रथम श्रेणी, 20 वनडे और 31 घरेलू टी20 मैच खेलने वाले शाहरुख ने कहा, जब मैं कम उम्र का था तो ऑफ स्पिन गेंदबाजी करता था। लेकिन पिछले कुछ दो वर्षो से मैं तेज गेंदबाजी करने लगा। तमिलनाडु के सीनियर चयनकर्ता और शाहरुख के कॅरियर के शुरुआती कोच रहे आर वेंकटेश ने बताया कि शाहरूख 10-15 वर्ष की उम्र से ही काफी अच्छे ऑलराउंडर थे।
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वेंकटेश ने कहा, शाहरुख काफी अच्छे ऑलराउंडर थे और काफी कम उम्र से ही गेंद को अच्छे से हिट करते थे। उन्होंने तमिलनाडु के लिए आयु वर्गो के टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इस सत्र में शाहरुख के प्रदर्शन को देखते हुए हमें पता था कि इस आईपीएल में उन्हें अच्छी कीमत पर खरीदा जाएगा। वह लंबे प्रारूप में भी खेल सकते हैं। उनके पास किसी भी हालात में खेलने की क्षमता है।