कोच शास्त्री बोले कि उनका और कोचिंग स्टाफ की जिम्मेदारी यह होती है कि वह खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ तरीके से तैयार करे, ताकि वह मैदान पर जाकर सकारात्मक और निडर होकर बहादुरी के साथ क्रिकेट खेलें। इसके आगे शास्त्री ने कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि मैदान पर बॉस कप्तान ही होता है। वही आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करता है।
हम कप्तान का बोझ कम करने के लिए होते हैं
शास्त्री ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि हम कप्तान का बोझ उतारने के लिए वहां रहते हैं, लेकिन मैदान पर पूरी जिम्मेदारी कप्तान पर ही छोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि कप्तान अपने प्रदर्शन से टीम के लिए खुद नजीर बनाता है और उसके बाद अपने खिलाड़ियों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। शास्त्री ने कहा कि मैदान में पूरा शो कप्तान ही नियंत्रित करता है।
टीम इंडिया की फील्डिंग और फिटनेस में सुधार का श्रेय भी कप्तान कोहली को जाता है। शास्त्री ने कहा कि जब आप फिटनेस की बात करते हैं तो नेतृत्व ऊपर से आता है, जो विराट कोहली सेट करते हैं। कोहली फालतू काम करने वालों में से नहीं है। उन्होंने कोहली के बारे में कहा कि एक सुबह वह जगे और बोले कि अगर वह इस खेल को खेलना चाहते हैं तो उन्हें विश्व का सबसे फिट खिलाड़ी बनना पड़ेगा और किसी भी तरह की परिस्थिति में सर्वश्रेष्ठ से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी। शास्त्री ने कहा कि विराट ने अपने शरीर को बहुत कष्ट देकर खुद को ऐसा बनाया है।