इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अख्तर ने एक पाकिस्तानी चैनल से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान को ऐसा नहीं करना चाहिए और उन्हें आगे भारत यात्रा करनी चाहिए। अख्तर ने कहा, ‘आपको होस्टिंग अधिकारों और रेवेन्यू के लिए भुगतान किया जा रहा है और यह ठीक है हम सभी इसे समझते हैं। पाकिस्तान का रुख भी वाजिब है। उन्हें मजबूत स्थिति बनाए रखनी चाहिए थी और ऐसा क्यों नहीं करें वो? एक बार जब हम अपने देश में चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करने में सक्षम होते हैं और वे (भारतीय टीम) आने के इच्छुक नहीं होते हैं, तो आईसीसी को हमारे साथ उच्च दर पर रेवेन्यू साझा करना चाहिए। यह एक अच्छा कॉल है।’
अख्तर ने आगे कहा, ‘जहां तक भविष्य में भारत में खेलने की बात है तो हमें दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए और वहां जाना चाहिए। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि भारत जाओ और वहां उन्हें हराओ। भारत में खेलो और वही उन्हें मार के आओ। मैं समझता हूं कि हाइब्रिड मॉडल पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।’
इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज ऑलराउंडर
शाहिद अफरीदी ने एक ट्वीट कर हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार नहीं करने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का समर्थन किया था। अफरीदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘खेल के साथ राजनीति को जोड़कर बीसीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अनिश्चित स्थिति में पहुंचा दिया है। हाइब्रिड मॉडल के खिलाफ पीसीबी के रुख का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। खासकर जब पाकिस्तान (सुरक्षा चिंताओं के बावजूद) ने 26/11 के बाद द्विपक्षीय सफेद गेंद सीरीज समेत पांच बार भारत का दौरा किया है। यह आईसीसी और उसके निदेशक मंडल के लिए निष्पक्षता बनाए रखने और अपने अधिकार का दावा करने का समय है।’
बता दें भारत और पाकिस्तान ने 2012 के बाद से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली है, लेकिन पिछले साल भारत में हुए वनडे वर्ल्ड कप सहित आईसीसी टूर्नामेंटों में वे एक-दूसरे का सामना करते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पाकिस्तान द्वारा आयोजित एशिया कप को भी हाइब्रिड मॉडल में बदल दिया गया था, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था। भारत ने तब अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे।