अभी और चलेगा इनका सिक्का
टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरुण (Bharat Arun) का मानना है कि ये चारों गेंदबाज मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव का दबदबा अभी दो-तीन सालों तक बना रहेगा। बता दें कि इन चारों का टेस्ट करियर शानदार है। ईशांत शर्मा तो अब खतरनाक गेंदबाज बने हैं। वह 97 टेस्ट में 297 विकेट हासिल कर चुके हैं। वहीं मोहम्मद शमी ने तो 49 टेस्ट में ही 180 विकेट लिए हैं। उमेश यादव को 46 टेस्ट में 144 विकेट मिला है। हाल ही में तेज गेंदबाजी में सनसनी बनकर उभरे जसप्रीत बुमराह ने महज 14 टेस्ट में 68 विकेट लिए हैं। भारत ने 2018-19 के दौरान घरेलू और विदेशी टेस्ट सीरीज में जो शानदार प्रदर्शन किया है, उनमें इन्हीं चारों का हाथ है।
भरत अरुण ने कहा कि मौजूदा तेज गेंदबाजों ने पिछले दो-तीन सालों में साथ खेलते हुए असाधारण प्रदर्शन किया है और कम से कम अगले दो साल तो इस चौकड़ी के साथ कोई समस्या नहीं दिख रही है। अरुण अरुण का मानना है कि इन दिनों भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में कई युवा तेज गेंदबाज उभर कर सामने आए हैं और तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी तैयार हो रही है। अरुण ने कहा कि उन्हें पहचानने के लिए चयनकर्ताओं और कोचों के एक संयुक्त प्रयास की जरूरत होगी, ताकि मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार किया जा सके। गेंदबाजी कोच ने कहा कि बेंच स्ट्रेंथ की पहचान के लिए यह जरूरी है, ताकि मौजूदा गेंदबाजों को विश्राम देकर उनका करियर लंबा खींचा जा सके।
अपनानी होगी रोटेशन की नीति
भरत अरुण ने कहा कि अगर हम बेंच स्ट्रेंथ मजबूत कर पाएं तो रोटेशन नीति अपना सकते हैं और इससे गेंदबाजों का कार्यभार संभालने में मदद मिलेगी और यह जरूरी है, ताकि हमारे प्रमुख तेज गेंदबाज सर्वश्रेष्ठ अवसरों के लिए तैयार रहें। भरत अरुण ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब अभ्यास शिविर लगे, तब इन शीर्ष गेंदबाजों के साथ घरेलू मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले और भारत ए टीम के गेंदबाजों को भी मौका मिले। उन्होंने कहा कि वह सभी अनुबंधित गेंदबाजों को शिविर में रखना चाहेंगे। इनमें से कुछ होनहार तेज और स्पिन गेंदबाज हैं, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ भारत ए (India-A) के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।
लार के प्रतिबंध पर भी बोले
भरत अरुण ने कहा कि इस शिविर में खिलाड़ियों को लार से इस्तेमाल से बचने के लिए अभ्यस्त होने का मौका भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक लार का इस्तेमाल इतना सामान्य रहा था कि इस आदत को रोकना काफी मुश्किल होगा। हम अपने अभ्यास सत्रों के दौरान इस आदत को खत्म करने का पूरा प्रयास करेंगे।