दरअसल, जका अशरफ ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वह पहले भी हाईब्रिड मॉडल नकार चुके हैं। वह इस फैसले से सहमत नहीं हैं। एशियन क्रिकेट काउंसिल के बोर्ड की ओर से एशिया कप 2023 का आयोजन पाकिस्तान में कराने का फैसला लिया जाना चाहिए। इसकी पूरी मेजबानी हमें ही मिलनी चाहिए। इस पर विवाद होते देख अशरफ बैकफुट पर आ गए हैं। अब उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा कि निर्णय हो चुका है, इसलिए हमें इसके साथ चलना होगा।
पहले दिया था ये बयान
जका अशरफ ने कहा कि मेरी निजी राय में हाईब्रिड मॉडल पाकिस्तान के लिए फायदेमंद नहीं है और मुझे यह पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा कि एक मेजबान होने के नाते, पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए थी कि पूरा टूर्नामेंट पाकिस्तान में ही खेला जाए। हाईब्रिड मॉडल के तहत श्रीलंका में ज्यादा मैच होंगे और पाकिस्तान के लिए केवल चार मैच ही छोड़ेे गए हैं। यह हमारे देश के हित में नहीं है।
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बोले- हम निर्णय के साथ
अशरफ ने इसके साथ ही कहा कि वह देख रहे हैं कि निर्णय हो चुका है। इसलिए हमें इसके साथ ही चलना होगा। वह निर्णय का पालन न करने की बाधा नहीं डालेंगे और न ही उनका इस तरह का कोई इरादा है। वह प्रतिबद्धता का सम्मान करने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने साथ ही कहा कि आगे वह जो भी निर्णय लेंगे, वह देशहित में होंगे।
24 घंटे से पहले यूटर्न
बता दें कि पीसीबी का अध्यक्ष बनने से पहले बुधवार को जका अशरफ ने साफ कहा था कि वह हाईब्रिड मॉडल को खारिज करते हैं। अगर अशरफ अपने बयान पर कायम रहते तो एशिया कप पाकिस्तान के बगैर पांच देशों के साथ आयोजित किया जा सकता था। लेकिन, विवाद खड़ा होता देख उन्होंने अपने बयान के 24 घंटे के भीतर ही यूटर्न ले लिया है।
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