सुबह दस बजे लगभग गांव से किसान सभा स्थल पर पहुंचने लगे तथा दोपहर 1 बजे तक पूरा पांडाल किसानों की भीड़ से भर गया। किसान युवा नेता सुनील पुनिया ने कहा कि गत 22 जून को भी सरकार इस आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया था। जलदाय विभाग को सचेत नहीं किया तथा अचानक पेयजल लाइन टूट गई तथा पानी इतने प्रेशर में आया की उपर जा रही 33 केवी विधुत लाइन तक जा सकता था। बिजली बोर्ड ने वो लाइन काट दी थी जिसके कारण पानी बिजली तारों तक नहीं पहुंच पाया अन्यथा मौके पर उपस्थित किसानों की भीड़ के साथ बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
पानी के कारण साउंड सिस्टम आदि भी खराब हो गए थे लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज तक दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। एडवोकेट निर्मल प्रजापत ने कहा कि देश के अन्नदाता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे उन्होंने कहा कि आर और पार की लड़ाई को लड़कर किसान को मजबूत करेंगे। उमराव सिंह सहारण ,नरेंद्र सिंह ढाका, रामनिवास लांबा, अशोक शर्मा, भूमि बिरमी आदि ने किसानों को संबोधित करते हुए संघर्ष की आवश्यकता जताई।
वार्ता रही विफल, एसडीएम कार्यालय का काम ठप सभा के बाद अपराहन 3 बजे लगभग किसान प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच वार्ता शुरू हुई लेकिन प्रशासन ने मांगों के संबंध में किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं ली तथा वार्ता विफल हो गई। इसके बाद किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा उपखंड कार्यालय के दोनों गेट पर ताला जड़ दिया तथा उपखंड कार्यालय का घेराव कर लिया। आक्रोशित होकर बेरिकेट्स तोड़ दिए एसडीएम कार्यालय का घेराव किया व किसानों की सभा चलती रही। इस अवसर पर डॉक्टर संजय, माइचंद बागोरिया, उमराव सहारण, अजीत सिंह,नरेंद्र ढाका, हजारी लाल शर्मा , राजपाल, रामनिवास लांबा, मनीराम ढाका, राजकुमार भोजान, नरेंद्र हमीरवास, रणसिंह, अशोक शर्मा, भूमि बिरमी, राजबाला , पुष्पा लांबा, मनीष, मनोज, बेगराज सिधमुख, गौरीशंकर, राजकुमार आदि ने संबोधित किया।