फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी
सुविधा बढ़े तो लग सकते पर्यटन कारोबार को पंख- विदेशी सैलानियों का रात्रि ठहराव बढ़ाना अब भी बड़ी चुनौती-चित्तौड़ फोर्ट फेस्टिवल के बाद हालात बदलने की उम्मीद
फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी,फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी,फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी,फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी,फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी
चित्तौडग़ढ़. यूनेस्कों की विश्व धरोहर में शामिल शौर्य व त्याग की धरा चित्तौड़ दुर्ग की विरासत व संस्कृति की महक दुनिया के हर क्षेत्र तक पहुंचाने के उद्देश्य से दूसरी बार चित्तौड़ फोर्ट फेस्टिवल ३ से ५ जनवरी तक मना लिया गया। इसके तहत पर्यटन विकास के नाम पर विभिन्न आयोजन भी हो गए। विदेशी पर्यटकों को भी यहां आने के लिए प्रेरित किया गया ताकि यहां की ख्याति सुन विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़े। सभी कवायद के बाद अब इंतजार इस बात का है कि महोत्सव मना लेने के बाद पर्यटन व्यवसाय को किस तरह लाभ मिलता है। फेस्टिवल के बाद जिला प्रशासन ने इस और फोकस भी कर दिया है। जिला कलक्टर ने दुर्ग की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पहल की है।
पर्यटन उद्योग में सर्दी के मौसम को यहां की सबसे महत्वूपर्ण ट्यूरिस्ट सीजन माना जाता है। इन दिनों भी देशी-विदेशी पर्यटक तो दुर्ग पर आ रहे लेकिन रात्रि ठहराव नहीं बढ़ पा रहा है। पर्यटन सुविधाओं के विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा अधिकतर देशी-विदेशी मेहमानों के यहां रात्रि प्रवास नहीं करने को माना जाता है। इसके चलते पर्यटक उदयपुर, अजमेर आदि स्थान से यहां पहुंच कुछ ही घंटे में दुर्ग भ्रमण कर फिर चित्तौड़ से विदा हो जाता है। पर्यटकों को रात्रि ठहराव के प्रति आकर्षित करने के लिए दुर्ग पर लाइट एंड साउण्ड शो उनका यहां ठहराव सुुनिश्चित नहीं कर पाया। विदेशी सैलानियों को यहां रात्रि ठहराव के लिए अच्छी आवासीय सुविधा मिल सके इसके लिए नगर विकास न्यास ने शहर के समीपवर्ती क्षेत्र में फार्महाउस विकसित करने की योजना भी बनाई लेकिन इनकी नीलामी के दौरान विशेष उत्सााह नहीं दिखा। ऐसे में ये योजना भी खटाई में है।
क्या आ रही मुश्किले
पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन सुविधाओं के नाम पर झोली खाली है। चित्तौड़ दुर्ग व आसपास के क्षेत्र में भ्रमण के लिए आने वालेे देशी-विदेशी पर्र्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आने वाले विदेशी मेहमानों को को न तो खाने के लिए और न ही ठहरने के लिए उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरने वाले होटल मिलते है। पर्यटन मानचित्र पर बड़ा केन्द्र होने के बावजूद चित्तौडग़ढ़ में भारतीय पर्र्यटन विकास निगम या किसी बड़े होटल समूह ने अब तक होटल खोलने की पहल नहीं की है। चित्तौडग़ढ़ के लिए नियमित हवाई सेवाओं का अभाव भी पर्यटन विकास की राह में बड़ी बाधा बन गया है।चित्तौड़ दुर्ग पर घूमने के लिए अब तक कार टेक्सी की सुविघाएं भी शुरू नहीं हो पाई है। स्वयं का वाहन उपलब्ध नहीं होने पर दुर्ग घूमने के लिए ऑटोरिक्शा ही माध्यम है।
दुर्ग पर मजबूत होगा सुरक्षा का जाल
चित्तौडग़ढ़ जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की अध्यक्षता में चित्तौडग़ढ़ दुर्ग की सुरक्षा व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के लिए समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। जिला कलक्टर ने सीसीटीवी कैमरा लगाने,सुरक्षा गार्ड बढ़ाने, प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक्स रे स्कैनर एवं विस्तार दर्पण आदि से गाड़ी चालक की जांच करने तथा गोमुख पर रेलिंग लगवाने के संबंध मेंनिर्देश दिए। बैठक में उपखंड अधिकारी तेजस्वी राणा,तहसीलदार भूपेंद्र वर्मा,नगर परिषद आयुक्त दुर्गा देवी, जिला पर्यटन अधिकारी शरद व्यास, पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के सर्वेक्षण सहायक आदि मौजूद थे।
Hindi News / Chittorgarh / फोर्ट फेस्टिवल मनाने के बाद क्या उम्मीदें जगी