माहेश्वरी पंचायत भवन में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि माहेश्वरी समाज चित्तौड़गढ़ में अखिल भारतवर्षीय महासभा के पूर्व निर्णय अनुसार कार्य करेगा। नगर माहेश्वरी सभा अध्यक्ष राकेश मंत्री ने बताया कि आजकल विवाह एवं अन्य आयोजनों में भोजन सामग्री के बहुत अधिक व्यंजन बनाने का चलन बढ़ता जा रहा है। यह भोजन का अपव्यय एवं आर्थिक रूप से नुकसानदायक है।
शादी के भोज में अधिकतम 15 व्यंजन
समाजजन ने यह निर्णय लिया गया कि 1 अप्रेल से विवाह एवं अन्य शुभ कार्यों आदि में सामाजिक स्तर पर आयोजित भोजन में सभी प्रकार के व्यंजनों की कुल सीमा पानी सहित 15 व्यंजनों की तय की जाती है। साथ में कोई भी 4 व्यंजनों की स्टॉल अलग से लगाई जा सकेगी। इसी प्रकार श्रीचारभुजाजी की प्रसादी, श्राद्ध एवं 11वीं, 12वीं, 13वीं के भोजन की सीमा को भी पानी सहित 11 व्यंजनों तक सीमित रखने का निर्णय लिया गया है।