मूलत: कुम्हारखेड़ा
चित्तौड़गढ़ हाल पानेरियों की मादड़ी
उदयपुर निवासी विष्णु मेनारिया ने बताया कि उसके पिता मुकेश मेनारिया को वर्ष 2017 में असोला छतरपुर दिल्ली निवासी दंपती अपने साथ स्विट्जरलैण्ड ले गया। उसे रसोईये के तौर पर ले गए थे, लेकिन बीते सालों में उनसे अन्य निजी काम कराए और मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गई।
44 दिनों से पिता से संपर्क नहीं
दंपती ने अपने व्यापार और संपति में पिता मुकेश के नाम का भी इस्तेमाल किया। मेनारिया ने बताया कि पिछले 44 दिनों से पिता से संपर्क नहीं हो पाया। आखिर जब बात हुई तो पिता मुकेश ने संबंधित परिवार की ओर से परेशान किए जाने की बात कही। बताया कि छह जनवरी को उसके गांव के कमलजीत ने पिता मुकेश की बात करवाई, तब उन्होंने कहा था कि मुझे जिन्दा देखना चाहते हो तो ये लोग जो कहे उस पर साईन करके दे देना। इस पर विष्णु और मां से लिखा पढ़ी करवाकर हस्ताक्षर भी करवाए गए। इसके बाद पांच अगस्त को सचिन नामक व्यक्ति ने कॉल किया। उसने मुकेश से बात करवाई और ब्लैंक चेक पत्नी और पुत्र के हस्ताक्षर शुदा कूरियर से मंगवाए, जो एक्सिस बैंक शाखा हिरणमगरी
उदयपुर के थे, जिसे वसुंधरा गाजियाबाद को भेजे गए।
चेक मिलने के बाद विष्णु की पिता से कभी बात नहीं हो पाई और उनका मोबाइल भी बंद है। 23 अगस्त को मुकेश की मोबाइल लोकेशन मुम्बई की आई तो परिजन मुंबई गए, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद भी मुकेश से सम्पर्क नहीं हो पाया।
धमकी दी कि सलामती चाहते हो तो कार्रवाई मत करना
विष्णु ने बताया कि पिता को ले जाने वाले परिवार की वकील कमलेश अग्रवाल ने तीन सितंबर को विष्णु को कॉल किया। उसने मुकेश के बारे में बताया कि वे बॉस की कस्टडी में है। धमकी दी कि सलामती चाहते हो तो किसी भी प्रकार की कार्रवाई मत करना। विष्णु और उसकी मां के नाम से ब्लैंक चेक मंगवाए थे, उनमें 75-75 लाख की राशि अंकित करके बैंक में डाल दिए। विष्णु ने आरोप लगाया कि ब्लैंक चेक और कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर फसाना चाहते हैं। उसने पिता मुकेश के साथ अनहोनी कारित किए जाने की आशंका जताई।