राजस्थान रोडवेज ने पैसेंजर फॉल्ट नियम लागू कर दिया है। इसके तहत बिना टिकट यात्रा करते पाए जाने पर उड़न दस्ता पैसेंजर से किराए की राशि का 10 प्रतिशत या अधिकतम दो हजार रुपए जुर्माना वसूल कर सकता है।
पैसेंजर फॉल्ट नियम
अभी तक बिना
यात्रा करते पाए जाने पर उड़न दस्ता सिर्फ परिचालक के खिलाफ ही कार्रवाई करता था। रेड रिमार्क लगाता था, लेकिन अब परिचालक के साथ यात्री भी दोषी माना जाएगा। यदि वह जुर्माना राशि को देने से मना करता है तो उड़न दस्ता उस पैसेंजर के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा सकता है।
जुर्माना वसूलने के निर्देश
राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने आदेश जारी कर रोडवेज में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से जुर्माना वसूल करने के निर्देश दिए हैं। इस व्यवस्था को सभी डिपो जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
टिकट दिखाने की जिमेदारी यात्री की
प्रत्येक यात्री का दायित्व है कि वह रोडवेज बस में यात्रा करते समय किराया अदा करके परिचालक से टिकट प्राप्त करे। यदि वह टिकट प्राप्त नहीं करता है या टिकट कंडक्टर उसे टिकट नहीं देता है तो इसका नुकसान यात्री को ही वहन करना पड़ेगा। देश में प्रचलित साक्ष्य कानून भी यही कहता है कि टिकट दिखाने की जिमेदारी यात्री की है। यदि यात्री ने टिकट नहीं लिया है तो माना जाएगा कि वह बगैर टिकट यात्रा कर रहा है। इसलिए उसे जुर्माना अदा करना पड़ेगा और यदि परिचालक ने राशि लेकर टिकट नहीं दिया तो परिचालक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का प्रावधान है। यह जटिल प्रक्रिया है, इस कारण परिचालक विभागीय कार्रवाई में दोषमुक्त हो जाते हैं। इकतरफा एक यात्री का किराया रकम का दस गुना या 2000 रुपए, जो भी कम है वह वसूला जाएगा।