जनपद मुख्यालय से तकरीबन 10 किलोमीटर ऊंचे पहाड़ व जंगलों के बीच हसीन वादियों में स्थित देवांगना हवाई पट्टी पर अब जल्द ही यात्री विमानों का आवागमन सुनिश्चित होगा. जी हां नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से जनपद को प्रयागराज व कानपुर के हवाई मार्गों से जोड़ने की चर्चा की गई है. जिसके बाद अब हवाई पट्टी पर यात्री विमानों की चहलकदमी लगभग पक्की मानी जा रही है. हालांकि अभी वीआईपी लोगों के ही उड़नखटोले हवाई पट्टी को चूमते आए हैं. अब मंत्रालय की तरफ से यात्री विमानों को हवाई मार्ग से जोड़ने की हरी झंडी मिलने के बाद जिले में भी ख़ुशी की लहर है. इस सुविधा के शुरू हो जाने से जनपद को पर्यटन के क्षेत्र में काफी सहूलियतें मिलने की उम्मीद है. जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने कहा कि इस तरह से आवागमन सुगम होने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा व विकास होगा.
देवांगना हवाई पट्टी का निर्माण सन 2013 में तत्कालीन सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ था. लगभग 92 करोड़ की लागत से बनने वाली हवाई पट्टी का काम सन 2017 में वन विभाग व पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी न मिलने से रुक गया था. जिस पर तत्कालीन डीएम विशाख जी अय्यर के प्रयासों से सम्बंधित विभाग द्वारा एनओसी मिल सकी और निर्माण कार्य आगे बढ़ सका. इसके बाद वर्तमान प्रदेश सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया. इसके तहत प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने लगभग 100 करोड़ का बजट देने की घोषणा की और फिर हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का कार्य और तेजी से चला. अब यहां यात्री विमानों के आवागमन का सभी को बेसब्री से इंतजार है.