जिला अस्पताल के रैन बसेरा में लगा रहता है ताला, प्रबंधन ने बना दिया नसबंदी ऑपरेशन कक्ष
रैन बसेरा में लगा है ताला
छिंदवाड़ा. जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है जगह-जगह अलाव का लोगों को सहारा लेना पड़ रहा है, ऐसे में रात में ठंड से बचने के लिए रैनबसेरा बनाए गए है जो लोगों के लिए राहत बनते है। वर्तमान में जिला अस्पताल प्रबंधन लापरवाही बरत रहा है, पूर्व में बनाया गया रैनबसेरा अब नसबंदी शिविर का केंद्र बन गया है, जहां पर कभी कभार नसबंदी ऑपरेशन होते है। गेट नंबर चार पर स्थित इमारत में दीनदयाल रसोई तथा एक तरफ रैनबसेरा बनाया गया था, जिसमें से रैनबसेरा बंद कर दिया गया है। वर्तमान में जिला अस्पताल परिसर में मरीजों के परिजनों के लिए ना ही कोई धर्मशाला है ना ही रैनबसेरा संचालित हो रहा है।
- प्रबंधन को जानकारी ही नहीं
रैनबसेरा के संबंध में जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ नरेश गुन्नाड़े से जब रैनबसेरा के संबंध में जानकारी ली गई तो उन्हें रैनबसेरा के संबंध में कोई जानकारी ही नहीं थी ना ही ऐसी कोई इमारत के बारे में उन्हें पता था कि जहां पर पूर्व में रैनबसेरा संचालित होता था। सिविल सर्जन के पास रैनबसेरा के संबंध में जानकारी ना होने पर वह अपने आसपास के लोगों से पूछ रहे थे।
- अलाव के समीप बैठकर गुजारते है रात
जिला अस्पताल में बनाए गए रैनबसेरा में शाम के बाद ताला लटका रहता है, यहां वहां पूछने के बाद मरीज के परिजन या तो परिसर में कहीं भी सो जाते है लेकिन प्रबंधन बढ़ती ठंड पर कोई उचित कदम नहीं उठा पा रहा है। लोगों का कहना है कि ठंड को देखते हुए रैनबसेरा का ताला खोल देना चाहिए, जिससे लोग ठंड पर परेशान होने से बच जाएंगे।
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