बिल जमा करने की अंतिम तिथि 6 जनवरी थी, इसके बावजूद एक और बिल 24 जनवरी को जारी कर दिया गया। 2403 रुपए जोड़ते हुए 4945 रुपए का बिल जारी कर दिया गया। उपभोक्ता के परिजन मुकेश उपाध्याय ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी उनके स्मार्ट मीटर लगाने जाने के विरोध करने के कारण जानबूझकर परेशान कर रही है और बिना रीडिंग लिए एवरेज बिल भेजा जा रहा है, जबकि नवंबर का बिल 85 रुपए एवं उसके पहले के बिल 150 यूनिट के अंदर ही था। इसकी शिकायत शहर संभाग कार्यपालन अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक से की गई है।
कार्यपालन अभियंता शहर संभाग शरद बिसेन का कहना है कि इस प्रकरण में उपभोक्ता का मीटर रिवर्स हो गया था जो कि बंद खराब मीटर की श्रेणी में आता है। वर्तमान प्रचलित नियम अनुसार यदि कोई मीटर बंद खराब हो जाता है तो उस माह का बिल उनके संबंधित भार के आधार पर अर्थात प्रति 100 वॉट पर 15 यूनिट का बिल जारी होता है। इस प्रकरण में जब मीटर की रीडिंग हुई मीटर रिवर्स था। अत: खराब की श्रेणी में था, इसीलिए लोड के आधार पर बिलिंग हुई । मीटर तत्काल बदल दिया गया है एवं नए मीटर के आगामी माह की रीडिंग के आधार पर पुराने महीने का आंकलित बिल पुनरीक्षित किया जाता है, जिसकी प्रक्रिया कर दी गई है। मैनें स्वयं उपभोक्ता को इस माह की राशि न जमा करने की सलाह भी दी है। इस प्रकार उपभोक्ता से किसी भी प्रकार का अनुचित बिल अथवा अनुचित देयक नहीं दिया गया है।