आपको बता दें कि, ठेकेदार अभिषेक साहू ने नगर परिषद हर्रई में टचिंग ग्राउंड (कचरा संग्रहण) के गेट का निर्माण करीब 8 महीने पहले कराया गया था। इस निर्माण कार्य का करीब 37 हजार रुपए बिल भुगतान नगर परिषद हर्रई को करना था। इसके लिए ठेकेदार ने नगर परिषद को आवेदन दिया, लेकिन भुगतान के बदले उपयंत्री सतीश डेहरिया ने उससे 17 हजार रिश्वत देने के बाद भुगतान राशि स्वीकृत करने की बात कह दी। ठेकेदार ने कहा कि, वैसे भी भूगतान की राशि बीते 8 माह से अटकी है। हालांकि, उसकी ओर से मजदूर और अन्य कार्यों पर ये राशि उसी समय की जा चुकी है। ऐसे में अगर भुगतान राशि से 17 हजार अफसर को दिये तो उसे भारी नुकसान हो जाएगा। हालांकि, अफसर ने बिना राशि दिये बुगतान राशि स्वीकृत करने से इंकार कर दिया।
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17 हाजर मांग रहा था, 15 में हुआ तैयार
अधिकारी से तमाम कोशिशें करने के बाद उसने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस में करने का फैसला लिया। लोकायुक्त ने शिकायत का सत्यापन कराया और सही पाए जाने पर जाल बिछाकर उपयंत्री डेहरिया को 15 हजार की रिश्वत लेते नगर परिषद कार्यालय में ही गिरफ्तार किया गया।
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लगातार कार्रवाई, फिर भी घूसखोरों के हौसले बुलंद
इस कार्रवाई से नगर परिषद कार्यालय में हड़कंप मच गया। ट्रैप दल में निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक भूपेंद्र कुमार दीवान और अन्य सदस्य शामिल रहे। बता दें कि मध्य प्रदेश में लगातार रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। कड़ी सजा नहीं मिलने से यहां रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं।
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