इस बातचीत के दौरान सांसद के साथ पूर्व विधायक नत्थन शाह, भाजपा नेत्री ज्योति डेहरिया, उपाध्यक्ष नारायण साराटकर, महामंत्री तेज प्रताप शाही, कार्यकारी अध्यक्ष कुंवर सिंह, भुवनेश्वर यदुवंशी, भारतीय मजदूर संघ के मोहित नामदेव मौजूद थे।
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सांसद बंटी साहू ने खान मंत्री से कहा कि यह खदाने जिले की जीवन रेखा है जो, व्यापार और रोजगार का बड़ा और प्रमुख माध्यम रहा है। इन खदानों से निकलने वाला कोयला ब्लैक डायमंड के तरह होता है। इसीलिए
छिंदवाड़ा की जनता काफी समय से इन खदानों को वापस शुरू करने की मांग कर रही है जिनसे छिंदवाड़ा समेत आस-पास के अन्य जिलों का भी विकास तेजी से हो सकेगा। सांसद साहू ने प्रस्तावित खदानों के प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत दिलाने की मांग खान मंत्री से की है।
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बता दें कि,
छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव में कन्हान क्षेत्र के मुख्यालय है जहां एशिया का सबसे बड़ा कोल वाशिंग प्लांट है। कन्हान में लगभग 15 कोयला खदाने है। इसके अलावा परासिया इलाका भी देश के बड़े कोयला खनन क्षेत्रों में आता है जिसे कोयला खदान बेल्ट के नाम से जाना जाता है। यहां कुल 24 खदाने थी जिनमें 20 खदाने अभी भी काम कर रही है।