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छतरपुर

कैसा डिजिटल इंडिया: 15 गांव के लोग पेड़ों, पहाड़ों पर चढ़कर खोजते हैं सिग्नल

छतरपुर. देश में संचार क्रांति ने हमारे जीवन को आसान करने में बहुत बड़ा योगदान दिया दुनिया में सबसे सस्ती मोबाइल और इंटरनेट सेवा के कारण जन-जन को इसका फायदा हुआ है। डिजिटल युग में सरकार सारे काम ऑनलाइन कर रही हैस लेकिन जिले के चंदला व लवकुशनगर क्षेत्र के 15 गांव मोबाइल नेटवर्क की रेंज में ही नहीं हैं, यहां ज्यादातर लोगों के पास मोबाइल फोन तो है पर बिना नेटवर्क किसी काम के नहीं हैं। गांव के पेड़ों घरों की छतों और पहाड़ों पर मोबाइल नेटवर्क पकड़ता है, तो लोग वहां पहुंच जाते हैं।

छतरपुरDec 21, 2024 / 12:51 am

Suryakant Pauranik

नेटवर्क समस्या से परेशान ग्रामीण

नेटवर्क समस्या से परेशान ग्रामीण

आधुनिक दुनिया से कटे रहने का युवाओं व विद्या​र्थियों को मलाल

छतरपुर. देश में संचार क्रांति ने हमारे जीवन को आसान करने में बहुत बड़ा योगदान दिया दुनिया में सबसे सस्ती मोबाइल और इंटरनेट सेवा के कारण जन-जन को इसका फायदा हुआ है। डिजिटल युग में सरकार सारे काम ऑनलाइन कर रही हैस लेकिन जिले के चंदला व लवकुशनगर क्षेत्र के 15 गांव मोबाइल नेटवर्क की रेंज में ही नहीं हैं, यहां ज्यादातर लोगों के पास मोबाइल फोन तो है पर बिना नेटवर्क किसी काम के नहीं हैं। गांव के पेड़ों घरों की छतों और पहाड़ों पर मोबाइल नेटवर्क पकड़ता है, तो लोग वहां पहुंच जाते हैं। चंदला क्षेत्र के ग्राम बंसिया, अमहा,हर्रई,त्रिवेदन पुरवा ,किवटन पुरवा ,लूका, गूलौरा, लखनी, विनोद नगर, मन्नी का पुरवा व लवकुश नगर क्षेत्र के ग्राम भैरा ,शिल्पतपुरा ,पंचमपुर, खर्रा का पुरवा मैं लोग घरों की छत पेड़ों पर चढ़कर व पहाड़ों में जाकर नेटवर्क खोजने कई घरों के पास पेड़ों पर मोबाइल टांगकर रखे गए हैं, ताकि मोबाइल आने पर आने वाली काल का पता चल सके। इन गांव में बसने वाले 12000 लोगों को नेटवर्क की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है युवा भी इंटरनेट से वंचित होने से नौकरी की तलाश के लिए विज्ञापन देखने और फॉर्म भरने के लिए परेशान होते हैं। बंसिया निवासी कपिल सिंह, अन्नू सिंह, दीपेंद्र सिंह, सोनू सिंह, सुनील सिंह, बाबू सिंह, पवन शुक्ला आदि युवाओं के साथ भागवतदीनशुक्ला. राम सुजान सिंह, रामपाल सिंह, बद्री पाठक सहित ग्राम के बुजुर्गों ने बताया कि 10 साल से लोग नेटवर्क ना मिलने से परेशान है। हर महीने 250-300 सौ का रिचार्ज कराते हैं। लेकिन उपयोग नहीं कर पाते हैं और आधुनिक युग में रहकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कटे हुए हैं।राशन विक्रेता
पहाड़ पर चढ़कर काट रहा पर्ची

सेवा सहकारी समिति बंसिया के विक्रेता रामबिहारी दुबे ने बताया की नेटवर्क ना मिलने के कारण मशीन को लेकर ऊंचाई पर पहाड़ी पर जाना पड़ता है और नेटवर्क मिलने के बाद सभी उपभोक्ताओं की पर्ची निकली जाती है उसके बाद गोदाम में जाकर राशन का वितरण किया जाता है।

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