साइबर अपराध से बचने के उपाय
साइबर अपराध विशेषज्ञों ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक खाता संख्या, पासवर्ड, पिन, आधार नंबर आदि साझा नहीं करनी चाहिए। इन जानकारियों को केवल सुरक्षित प्लेटफार्मों पर ही इस्तेमाल करें। साइबर अपराधी अक्सर फिशिंग ईमेल्स और संदेशों के माध्यम से यूज़र्स को धोखा देते हैं। ये संदेश बैंक अकाउंट और अन्य संवेदनशील जानकारी मांगते हैं। ऐसे संदेशों पर क्लिक करने से बचें और हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप सही वेबसाइट पर ही लॉगइन कर रहे हैं। पासवर्ड हमेशा मजबूत और यूनिक रखें। आसान पासवर्ड जैसे 12345 का इस्तेमाल न करें। इसके बजाय, अल्फा-न्यूमेरिक और विशेष प्रतीकों से बने पासवर्ड का उपयोग करें। इसके अलावा, पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें। अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर में अच्छे एंटीवायरस और सुरक्षा एप्लिकेशन इंस्टॉल करें, ताकि मालवेयर और वायरस से आपकी सुरक्षा हो सके। यह एप्लिकेशन आपके डिवाइस को हैकर्स से बचाने में मदद करते हैं।
साइबर अपराध में फंसने पर क्या करें
यदि आप साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं तो सबसे पहले अपने मामले को नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें। इसके अलावा, आप राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यदि आपकी बैंकिंग जानकारी चोरी हो गई है या किसी ने आपके अकाउंट से पैसे निकाल लिए हैं, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें। बैंक आपकी सहायता करेगा और आपके अकाउंट को लॉक कर सकता है। भारत में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के लिए 1930 पर कॉल करके आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और सहायता ले सकते हैं।
जानकारी की कमी के कारण लोग साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं। पत्रिका रक्षा कवच से हमें साइबर ठगी से बचने के उपाय पता लगने से हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
राजा परमार
विजय पटेल पत्रिका रक्षा कवच के जरिए हमें साइबर ठगी से बचने और फंस जाने पर निकलने के उपाय बता चले हैं। पत्रिका के अभियान से डिजीटल प्लेटफॉर्म पर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
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