10 पैरामीटर किए गए तय
कलेक्टर ने आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास की जांच 10 पैरामीटर तय किए है। उन्होंने टीम को शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार पर छात्रावास की व्यवस्थाओं की जांच करने के निर्देश दिए हैं। छात्रावासों की जांच मेन्यू के आधार बच्चों को खाना, बेड, किताबें और पैरेंट रिकॉर्ड समेत संपूर्ण व्यवस्था की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए एसडीएम और तहसीलदार और सीएमओ को आदेश दिए हैं। कलेक्टर निर्देश पर एसडीएम रोस्टर के आधार पर छात्रावासों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
राज्य सामाजिक न्याय सेल की जांच में मिली थी फर्जी हाजिरी, नहीं हुई कार्रवाई
जिले के लवकुशनगर, बिजावर, हरपालपुर, गौरिहार और नौगांव के छात्रावासों की भोपाल से आई राज्य सामाजिक न्याय सेल टीम की जांच में छात्रों की फर्जी उपस्थित पाई गई थी। इसके साथ ही छात्रावासें में मेन्यू को ताक में रखकर बच्चे को खाना परोसा जा रहा था। टीम की जांच में यह बात सामने आई थी कि छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा तक उपलब्ध नहीं हो पाई। छात्रावास में छात्र भीषण गंदगी और असुविधा के बीच रहने के मजबूर हैं। जिला संयोजक प्रियंका राय पर भी लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन रिपोर्ट को दबा दिया गया है।
इनका कहना है
जिले के आदिम जाति विभाग के छात्रावासों की जांच के लिए एसडीएम, तहसीलदार और सीएमओ को जांच के निर्देश दिए गए है। जांच के लिए चेक लिए तय की गई है। बच्चों की उपस्थिति से लेकर हर पहलू की बारीकी से जांच कराई जाएगी। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पार्थ जैसवाल, कलेक्टर