नगर से महज 13 किलोमीटर की दूरी पर सीमावर्ती क्षेत्र में लगे यूपी के पेट्रोल पंपों में डीजल में 7 व पेट्रोल 13 रुपए प्रतिलीटर का अंतर कीमत में होने से लवकुशनगर- चंदला सहित अन्य जगहों पर यूपी के पेट्रोल पंपों से रोजाना डीजल व पेट्रोल 10 हजार लीटर से अधिक की खपत है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल में टैक्स अधिक लगाए जाने से यह स्थिति निर्मित हुई है, यही कारण है लवकुशनगर सहित आसपास इलाके के लोग रोजाना 13 किलोमीटर का सफर तय कर यूपी की सीमा में लगे पेट्रोल पंपो में दिन भर यूपी के लोगो की तुलना में एमपी के लोग अधिक संख्या में पहुचकर डीजल व पेट्रोल ले रहे है। भाव मे अंतर होने से महोबा जिले के बांसपहाड़ी गांव के निकट दो राज्यो के बीच की सीमा क्षेत्र के पेट्रोल पंपो से सप्लाई हो रही है।
रोज होती है 1 हजार रुपए की बचत
हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुश नगर की, यहां समीप ही उत्तरप्रदेश की बार्डर लगती है, चूंकि यहां पर मध्यप्रदेश की अपेक्षा कम दाम पर पेट्रोल डीजल मिलता है, इस कारण अधिकतर वाहन चालक अपनी गाडिय़ों में वहीं से पेट्रोल डीजल डलवाते हैं, क्योंकि उन्हें काफी सस्ता पड़ता है, अगर कोई वाहन चालक अपनी गाड़ी में 20 लीटर भी पेट्रोल डलवाता है, तो उसे सीधे 260 रुपए की बचत होती है, ऐसे में 100 लीटर पेट्रोल लेने वाले को तो सीधे 1300 रुपए बचते हैं, ऐसा ही डीजल में होता है, अधिकतर बस और ट्रकों में तो रोज ही सैंकड़ों लीटर डीजल डलता है, इस कारण उन्हें हर दिन 1000 रुपए से अधिक की बचत होती है।
महोबा से लवकुशनगर चंदला और सरवई जाने वाली यात्री बसों व टैक्सियों में ड्रमों में भरकर डीजल व पेट्रोल लाया जा रहा है। महोबा से डीजल व पेट्रोल खरीदने में व्यापारियों को फुटकर बेचने में ज्यादा फायदा होता है, वही बस मालिको भी भाड़े के रूप में आमदनी हो जाती है।
यह भी पढ़ें : बापू की कुटिया के खाने में निकला कॉकरोच, किचिन में भरी पड़ी थी इल्लियां
फुल करा रहे टंकी, कैन में भी ला रहे
डीजल व पेट्रोल की कीमतों में काफी अंतर होने से स्थानीय लोग लवकुशनगर से बांसपहाड़ी पहुचकर यूपी के पेट्रोल पंपो से अपने दो पहिया व चार पहिया वाहनों की टंकी फुल करा रहे है। साथ ही बड़ी-बड़ी कैनो में अतिरिक्त डीजल व पेट्रोल भराकर घरो में स्टाक कर रहे है, वही इलाके में फुटकर डीजल व पेट्रोल की बिक्री करने वाले दुकानदार भी रोजाना ड्रमों में डीजल-पेट्रोल भराकर लाते है। खेती के लिए किसान भी डीजल लेने यही आते हैं।
यह भी पढ़ें : 7 दिन में बनेंगे 1.25 करोड़ शिवलिंग, संगीतमय शिवाभिषेक के साथ होगी भस्म आरती
यह भी पढ़ें : सांप नहीं मिले तो घर ले आए अंडे, 17 दिन बाद निकले बेशकीमती सपोले