सोलर बिजली की बढ़ा रहे क्षमता
रेलवे ने डीआरएम कार्यालय में 220 किलोवाट, रेलवे चिकित्सालय में 55.44, इलेक्ट्रिक लोको शेड में 55.50 किलोवाट के साथ ही ग्वालियर में 35.2, डबरा में 24.96, मुरैना में 19.86, दतिया में 10.08, टीकमगढ़ में 24.96, खजुराहो में 43.90, छतरपुर में 49.92, सरकनपुर में 24.96 एवं बिरलानगर में 35.20 किलोवाट के सोलर प्लांटों की सहायता से बाहरी स्रोत से लिए जा रहे विद्युत ऊर्जा के खर्च को कम कर रहा है। अब छोटे स्टेशनों पर भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जा रहे हैं जिससे रेलवे विद्युत की बाहरी खपत और अधिक कम कर सके। झांसी मंडल के 13 स्टेशनों पर सोलर प्लांट लगे हुए हैं। इससे हर महीने औसतन 1.25 लाख यूनिट सोलर एनर्जी पैदा हो रही है। सोलर बिजली से हो रही बचत को देखते हुए रेलवे अब रेल पटरियो के किनारे सोलर पैनल लगाने जा रहा है।
रेल पटरियों के किनारे भी बिजली की खेती की है योजना
रेलवे स्टेशनों व कार्यालयों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल तो किया ही जाने लगा है। अब ट्रेनों को भी सौर ऊर्जा से चलाने की तैयारी है। रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) द्वारा इसका खाका तैयार किया है। उत्तर मध्य रेलवे में रेल प्रशासन 1320 एकड़ जमीन पर सोलर पैनल लगाएगा। रेलवे का साल 2030 तक उत्तर मध्य रेलवे में ट्रेनों का शत प्रतिशत संचालन सौर ऊर्जा से करने का लक्ष्य है। प्लान के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे में पटरियों के किनारे पड़ी 1320 एकड़ जमीन पर रेलवे द्वारा सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इनके माध्यम से 249 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। इस बिजली का इस्तेमाल ट्रेनों के संचालन में होगा।
इनका कहना है
मंडल ने 10 ट्रांजेक्शन सब स्टेशनों पर बिजली में खर्च होने वाले 10.35 करोड़ रुपए की बचत की है। ये सभी स्टेशन मध्यप्रदेश में स्थिति हैं।
दीपक कुमार सिन्हा, मंडल रेल प्रबंधक