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छतरपुर

यातायात नियमों और सुरक्षा मानको की अनदेखी पड़ रही भारी, हर साल ढाई हजार लोग पहुंच रहे अस्पताल

जिले में सडक़ हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका प्रमुख कारण यातायात सुरक्षा नियमों की अनदेखी है। सीट बेल्ट न पहनना, हेलमेट का उपयोग न करना और शराब पीकर वाहन चलाना अब सामान्य सी बात बन गई है, जो लगातार जानलेवा साबित हो रही है।

छतरपुरJan 08, 2025 / 10:38 am

Dharmendra Singh

district hospital

अस्पताल

छतरपुर. जिले में सडक़ हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका प्रमुख कारण यातायात सुरक्षा नियमों की अनदेखी है। सीट बेल्ट न पहनना, हेलमेट का उपयोग न करना और शराब पीकर वाहन चलाना अब सामान्य सी बात बन गई है, जो लगातार जानलेवा साबित हो रही है। 108 एंबुलेंस सेवा हर साल हादसे के शिकार करीब ढाई हजार लोगों को अस्पताल पहुंचा रही है।

नेशनल हाइवे पर सावधानी ज्यादा जरूरी


छतरपुर शहर और नौगांव में सडक़ हादसों की संख्या विशेष रूप से अधिक देखी गई है, क्योंकि ये दोनों शहर नेशनल हाइवे पर स्थित हैं। इन हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहन और लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। यातायात पुलिस द्वारा लोगों को सुरक्षित यात्रा के लिए जागरूक किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद लोग यातायात नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप हर साल सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डाल दी जाती है।

सभी इलाके में हो रहे हादसे हुए


2023 और 2024 में छतरपुर जिले के विभिन्न हिस्सों में हुए सडक़ हादसों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले दो सालों में बड़ामलहरा, बिजावर, बकस्वाहा, चंदला, छतरपुर, गौरिहार, घुवारा, लवकुशनगर, महाराजपुर, नौगांव, और राजनगर जैसे स्थानों पर बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हुईं। इन हादसों में घायलों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है।

फैक्ट फाइल

तहसील 2023 हादसे 2024 हादसे

बड़ामलहरा 125 153
बिजावर 295 219
बकस्वाहा 116 140
चंदला 87 74
छतरपुर 658 665
गौरिहार 182 258
घुवारा 88 74
लवकुश नगर 115 137
महाराजपुर 210 —
नौगांव 263 514
राजनगर 409 371

घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस की भूमिका


दुर्घटनाओं के बाद घायल लोगों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना बेहद जरूरी होता है। 108 एंबुलेंस सेवा ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है। इन हादसों में घायल हुए सैकड़ों लोगों को एंबुलेंस द्वारा अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एंबुलेंस सेवा के स्टेट सीनियर मैनेजर तरुण सिंह ने बताया कि हर दुर्घटना में 108 एंबुलेंस ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए घायलों को नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाया। यह प्रक्रिया दुर्घटनाओं से बचने में मदद नहीं कर सकती, लेकिन घायलों को त्वरित चिकित्सा सेवा दिलवाने में मददगार साबित हुई है।

यातायात नियमों का पालन जरूरी


पुलिस प्रशासन और यातायात विभाग लगातार लोगों को सुरक्षित यात्रा के लिए जागरूक कर रहा है। लेकिन आम लोगों की लापरवाही और नियमों की अवहेलना लगातार समस्याओं का कारण बन रही है। यातायात पुलिस के अनुसार, सीट बेल्ट पहनने, हेलमेट लगाने और शराब पीकर वाहन न चलाने जैसे सरल नियमों का पालन करने से दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने भी ऐसे प्रयास किए हैं कि लोगों में यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़े, लेकिन तब भी इस दिशा में और ज्यादा प्रयास की जरूरत है।

समाज को भी जागरूक करना होगा


एसपी और यातायात पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सडक़ सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज की जिम्मेदारी भी है। हर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। पुलिस प्रशासन लगातार जागरूकता अभियानों का आयोजन कर रहा है, लेकिन नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए खुद भी सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।

पत्रिका व्यू


सडक़ हादसों में बढ़ोतरी न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि समाज और परिवार पर भी गहरा प्रभाव डालती है। एक व्यक्ति से पूरा परिवार जुड़ा होता है और सडक़ हादसों में होने वाली चोटें या मृत्यु के बाद पूरा परिवार प्रभावित होता है। इसलिए जरूरी है कि हम सभी यातायात सुरक्षा के नियमों का पालन करें और सडक़ पर सुरक्षित यात्रा को प्राथमिकता दें।

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