ग्रामीणों से सुझाव मांगे
छतरपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अगम जैन ने नए साल की शुरुआत के साथ इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सभी थानों और चौकियों को निर्देशित किया है कि वे उन गांवों का दौरा करें जिन्हें नवीन थाने या चौकियों के तहत लाया जाएगा। इसके साथ ही, ग्रामीणों से इस संबंध में सुझाव भी लिए जा रहे हैं ताकि उनके विचारों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सीमाओं का निर्धारण किया जा सके। एसपी का मानना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ लागू की जाएगी ताकि जनता का विश्वास कायम रहे।
48 गांवों की सीमाओं का होगा निर्धारण
अब तक जिले के 19 थानों में सीमा पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया के तहत 48 गांवों को शामिल किया गया है। इनमें छतरपुर के दो, नौगांव के तीन, लवकुशनगर के तीन, खजुराहो के दो, बिजावर के छह, और बड़ामलहरा के तीन थाना और चौकियां शामिल हैं। एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों से प्राप्त सुझावों का बारीकी से मूल्यांकन किया जा रहा है और इसके आधार पर जिला स्तर पर एक कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी में कलेक्टर, एसपी और जिला अभियोजन अधिकारी शामिल होंगे।
इन गांवों के बदलेंगे थाना
प्रस्तावित सीमा परिवर्तन के तहत कई गांवों को नए थाने के तहत शामिल किया जाएगा। उदाहरण के लिए, छतरपुर कोतवाली के अंतर्गत आने वाले कोटा और तिवारनपुर गांव अब राजनगर थाने के अंतर्गत होंगे। वहीं, ओरछा रोड के हमा, मोरवा, और टड़ेरनपुरवा को कोतवाली थाना में शामिल किया जाएगा। हरपालपुर थाना क्षेत्र के भदर्रा और अमा अलीपुरा को नजदीकी थानों में जोडऩे का प्रस्ताव है। लवकुशनगर के बलकौरा, लोधिनपुरवा और चहरीपुरवा को चंदला थाने में शामिल किया जाएगा, जबकि इटवा और जुझारनगर को लवकुशनगर थाना क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, राजनगर, गढ़ीमलहरा, गौरिहार, बमीठा और शाहगढ़ क्षेत्र के कई गांवों में भी सीमा परिवर्तन होंगे। कुछ प्रमुख बदलावों में महाराजपुर थाने का उमरिया गांव, लवकुशनगर थाने में जाएगा, और खिरी को गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। बिजावर और बड़ामलहरा के क्षेत्रों में भी सीमा पुनर्निर्धारण के चलते कई गांवों का नया थाना क्षेत्र निर्धारित किया जाएगा।
सुझावों के माध्यम से होगा परिवर्तन
इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस प्रशासन ने स्थानीय जनता के सुझावों को सर्वोपरि रखा है। जन प्रतिनिधियों, समाज के प्रमुख व्यक्तित्वों और ग्रामीणों से प्राप्त सुझावों के आधार पर सीमाओं का निर्धारण किया जाएगा। पुलिस प्रशासन का मानना है कि इस पहल से न केवल अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी, बल्कि पुलिस का प्रभावी हस्तक्षेप भी सुनिश्चित हो सकेगा। इसके साथ ही, यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में भी सहायक होगा।
राज्य सरकार को जाएगा फाइनल प्रस्ताव
सभी प्राप्त सुझावों पर विचार करने के बाद, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस निर्णय को कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जाएगा, और इसके बाद सीमा पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। यह कदम जिले में पुलिस सेवाओं के सुधार और गांवों तक पुलिस की पहुंच को सुनिश्चित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा।