जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों सहित शहर के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर खुले आम क्वंटलों से पटाखों की खेपें रखी हुई हैं। जहां से खुलेआम पटाखों की बिक्री की जा रही है। शहर में होने वाले आयोजनों, शादी समारोहों या फिर किसी भी राजनैतिक कार्य क्रमों में यदि आतिशबाजी की आवश्यकता पड़ती है तो उसे शहर से बाहर कहीं भी नहीं जाना पड़ता। शहर के चौक बाजार, गल्लामंडी, बसस्टैंड के पास, सहित अन्य कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर रकम देने पर तुरंत ही मनचाहे पटाखे मिनटों में उपलब्ध हो जाते हैं।
गैसरिफलिंग का अवैध कारोबार मप्र. शासन की केबिनेट मंत्री ललिता यादव के घर के चंद कदमों की दूरी से गैसरिफलिंग का खुला खेल शुरू होता है। यहां पर चैतगिरी कॉलोनी में खुले आम गैसरिफलिंग की जा जाती है। जिसकी पत्रिका ने स्टिंग किया तो गैसरिफलिंग करने वाले ने गैसरिफलिंग के रेट भी बताए। फोन पर हुई बातचीत में गैसरिफलिंग करने वाले ने कहा कि कार में गैसरिफलिंग करने में अगर सामने वाली पार्टी भरा हुआ सिलेंडर साथ में लाती है तो उसे सिर्फ सौ रुपए ही देना पड़ेंगे। अगर वह बिना सिलेंडर के आता है तो उसे ११०० रुपए देनें होंगे। उसने पूछने पर कहा कि उसे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। आराम से ब्लैक में एक हजार रुपए का गैससिलेंडर मिल जाता है। जिससे वह केवल सौ रुपए ऊपर से लेकर कार के गैससिलेंडर में रिफलिंग कर देता है। उसे सिर्फ सौ रुपए ही बचते हैं।
गैसरिफलिंग का अवैध कारोबार जो शहर के लगभग सभी चौराहों पर फैलता जा रहा है। शहर के सागर मार्ग पर स्थित देरी तिराहा मार्ग, बिजावर नाका, बगौता तिराहा समीप, पन्ना रोड पर कॉलेज तिराहा स्थित पार्क के पीछे न्यू कॉलोनी, इसी तरह से पन्ना-सटई तिराहा, नया पन्ना नाका के पास, चौेक बाजार स्थित गांव की देवी से लेकर बसस्टैंड तक करीब एक दर्जन अवैध दुकानों में गैसरिफलिंग का काला कारोबार फलफूल रहा है। इसी तरह से नौगांव रोड, नारायणपुरा मार्ग पर व महोबा मार्ग स्थित एक छात्रावास के पास प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम गैसरिफलिंग की जा रही है।
०१- गैसरिफलिंग के दौरान नारायणपुरा में एक गैससिलेंडर फट गया था। जिसमें दो लोग झुलस गए थे। हादसा इतना भीषण था कि दुकान का सारा सामान कई फीट दूर जा फिका था। दुकान के शेष सामान में आग ने राख कर दिया था। घर की दीवारें में भी गहरी दरारें आ गईं थीं।
०२-शहर के बसस्टैंंड पर जहां हर समय हजारों यात्रियों का आवागमन होता है वहां पर गैससिलेंडर फटने से चार लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था। यह हादसा करीब पांच साल पूर्व हुए थे। घटना इतनी वीभत्स थी कि नीम व इमली के पेड़ों पर शरीर के अवशेष लटके लिए थे। यहां पर गैसबैल्डिंग करने के दौरान हुआ था हादसा।
-०३- इसी तरह से सिटी कोतवाली थानांतर्गत बकायन मार्ग पर खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लगने से हुए विस्फोट में मकान का छप्पर उड़ गया था। इस हादसे में घर में बैठे ३ सदस्य बुरी तरह से घायल हो गए थे।
– ०४-इसी तरह से करीब चार माह पूर्व सिटी कोतवाली थानांतर्गत हनुमान टोरिया के पीछे पठापुर मार्ग पर एक कार में गैसरिफलिंग करने के दौरान अचानक आग लग गई थी। कार पूरी तरह से जलकर खाक हो गया था। इस बीच रिफलिंग करने वाले ने जलते हुए सिलेंडर को कार से निकालकर फेका था। जिससे वह फटने से बच गया था। लेकिन कार में लगी आगे के बाइ ऊंची उठती लपटों से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई है।
रिफलिंग की कार्रवाई खाद्य अधिकारी को भेजकर कराई जाएगी। अगर शहर में कहीं भी पटाखों की दुकानों को संचालित किया जा रहा है तो जांच कराते हुए कार्रवाई की जाएगी।
रविंद्र चौकसे-एसडीएम छतरपुर
कार्रवाई की जाएगी-
शहरी क्षेत्र में जहां भी गैसरिफलिंग की जा रही है। वहां पर जल्द ही एक अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी। अगर मंत्रीजी के बंगले के पास भी रिफलिंग का कार्य हो रहा है तो यह गलत है।
वीके सिंह-जिला खाद्य अधिकारी