पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने सुपरस्टार रजनीकांत के उक्त विचार को न्यायोचित बताया। उनका कहना था कि जो जनता में धार्मिक साम्प्रदायिकता की भावना भड़का रहे हैं उनसे सख्ती से निपटना जरूरी है।
मंत्री ने इस मामले में सीधा डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन पर आरोप लगाया कि वे धार्मिक साम्प्रदायिकता भड़का रहे हैं। वे फिजूल में बातों को हवा देते रहते हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, तमिलनाडु में स्टालिन व दिल्ली में केजरीवाल के आचरण की वजह से मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है।
राजेंद्र बालाजी ने प्रश्न किया कि स्टालिन ने हस्ताक्षर अभियान के तहत खूब दौड़ भाग की। यह धर्म का मसला था शायद इसलिए वे भागे। अगर यही जनता की कोई समस्या होती तो क्या स्टालिन इसी तरह की तत्परता दिखाते। वे मुस्लिम भाइयों में भय की भावना पैदा कर रहे हैं। देशभर में कुछ नेताओं का यही काम है। डीएमके की तरह धर्म की आड़ में राजनीति कर रही कुछ पार्टियों की वजह से ही दिल्ली में हिंसा हुई।