वह मद्रास लॉ कॉलेज (अब डॉ. अम्बेडकर गवर्मेट लॉ कॉलेज) से बीएल करने के बाद 27 अगस्त 1986 को मद्रास उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में नामांकित हुए। उन्हें 25 अक्टूबर 2013 को मद्रास उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 14 अप्रैल 2015 को स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया।