तमिलनाडु और पुदुचेरी में आयकर भरने को लेकर अपेक्षाकृत अधिक जागरूकता है। राज्य में करीब पांच करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में 48.6 लाख टैक्स रिटर्न फाइल हुई। विभाग ने पिछले दो सालों में करदाताओं के रिफंड के दावों का निर्धारित समय के भीतर निपटारा करते हुए 37 हजार करोड़ […]
तमिलनाडु और पुदुचेरी में आयकर भरने को लेकर अपेक्षाकृत अधिक जागरूकता है। राज्य में करीब पांच करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में 48.6 लाख टैक्स रिटर्न फाइल हुई। विभाग ने पिछले दो सालों में करदाताओं के रिफंड के दावों का निर्धारित समय के भीतर निपटारा करते हुए 37 हजार करोड़ लौटाए भी हैं।तमिलनाडु के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त सुनील माथुर ने राजस्थान पत्रिका से विशेष वार्ता में आंकड़ों के साथ विभाग की कार्यदक्षता और कुशलता को बताया। उनका कहना था केंद्र सरकार का 2023-24 में रेवेन्यू कलेक्शन लगभग 34.5 लाख करोड़ था जिसमें प्रत्यक्ष करों से उगाही 19.60 लाख करोड़ रही। 2022-23 में यह राजस्व 17.60 लाख करोड़ था।
तमिलनाडु चौथे स्थान पर उनके अनुसार आयकर उगाही में तमिलनाडु, मुम्बई, कर्नाटक-गोवा और दिल्ली के बाद चौथे स्थान पर रहा। तमिलनाडु को 1.21 लाख करोड़ का लक्ष्य मिला था और हमारा टैक्स कलेक्शन 1.22 लाख करोड़ रहा है। 2022-23 की तुलना में उगाही में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। कर संग्रह में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी और शेष निगमीय करदाताओं की रही। राज्य में हुआ इनकम टैक्स कलेक्शन कुल आयकर का 6.3 प्रतिशत है। तमिलनाडु में सर्वाधिक आयकर कलेक्शन (37 हजार करोड़) चेन्नई चीफ कमिश्ररेट ज्यूरिसडिक्शन से रहा है।
रिफंड दावे2022-23 की तुलना में जहां 2023-24 में अधिक टैक्स रिटर्न फाइल हुई वहीं रिफंड की राशि भी बढ़ी है। समाप्त हुए वित्त वर्ष में 21 हजार करोड़ का रिफंड दिया गया जो पिछले साल 16 हजार करोड़ था। इस तरह विभाग ने दो साल में 37 हजार करोड़ लौटाए हैं। तमिलनाडु की प्रत्यक्ष कर उगाही के दो महत्वपूर्ण उपकरण टीडीएस और एडवांस टैक्स हैं जो क्रमश: 64500 करोड़ व 56 हजार करोड़ रहे। रिफंड के दावों के निपटारे से पहले की बात की जाए तो तमिलनाडु रीजन ने 2022-23 से साढ़े बीस प्रतिशत अधिक 1.43 लाख करोड़ की उगाही की है।
इन सेक्टर का योगदान तमिलनाडु में आयकर उगाही में प्रमुख विनिर्माण क्षेत्र का बड़ा योगदान है। सेक्टर वार हुई आयकर उगाही का प्रतिशत इस प्रकार रहा। सेक्टर राजस्व प्रतिशत विनिर्माण 29 प्रतिशत
वित्तीय सेवाएं 16 प्रतिशत गैर सरकारी वेतन 16 प्रतिशत आइटी-आइटीइएस 8 प्रतिशत थोक व खुदरा व्यापार 7 प्रतिशत अन्य सेक्टर 24 प्रतिशत