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चेन्नई

इस प्रसिद्ध मंदिर में अब मोबाइल के साथ नहीं कर सकेंगे प्रवेश!

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के आयुक्त को तिरुचेंदूर में श्री सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के अंदर सेल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करने का निर्देश दिया है

चेन्नईNov 11, 2022 / 06:34 pm

MAGAN DARMOLA

इस प्रसिद्ध मंदिर में अब मोबाइल के साथ नहीं कर सकेंगे प्रवेश!

इस प्रसिद्ध मंदिर में अब मोबाइल के साथ नहीं कर सकेंगे प्रवेश!

मदुरै. मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के आयुक्त को तिरुचेंदूर में श्री सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के अंदर सेल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करने का निर्देश दिया। तुत्तुकुडी जिले के तिरुचेंदूर शहर के एम सीतारामन ने मदुरै एचसी बेंच के समक्ष अपनी याचिका दायर कर तिरुचेंदूर मंदिर के अंदर सेलफोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग की।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा, पूजा की शूटिंग के लिए कैमरों के उपयोग पर रोक लगाता है और इसी तरह मंदिर के अंदर देवताओं की मूर्तियों की तस्वीरें लेना भी प्रतिबंधित है। इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा परिसर के अंदर फोटो कैमरा और वीडियो कैमरों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एंड्रॉइड सेलफोन आजकल वीडियो कवरेज लेने के लिए उपयोग किए जाते हैं। राज्य के कई मंदिरों में मोबाइल रखने पर रोक नहीं है। मंदिर के सेवकों को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और दर्शन के दौरान स्थिति बेकाबू हो जाती है। सुरक्षाकर्मी मंदिर के अंदर सेलफोन के उपयोग को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि मंदिर के अंदर स्मार्ट फोन रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कहा कि देवस्थान आयुक्त ने पहले ही भक्तों को श्री मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर के अंदर सेल फोन रखने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं और भक्तों के सेल फोन की सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के बाहर अलग लॉकर रूम स्थापित किए गए हैं। इसलिए ऐसी ही सुविधा तिरुचेंदूर मंदिर में भी बनाई जानी चाहिए। यह ध्यान देने योग्य है कि असामाजिक तत्वों द्वारा सेल फोन का दुरुपयोग करने के अवसर हैं। इसके अलावा यह देवताओं की मूल्यवान धातु की मूर्तियों के लिए असुरक्षित है।

यूट्यूब चैनलों पर करते हैं पोस्ट

न्यायाधीश आर महादेवन और न्यायाधीश जे सत्य नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि कुछ अर्चक खुद सेल फोन का उपयोग करके तस्वीरें लेते हैं और इसे अपने निजी यूट्यूब चैनलों पर पोस्ट करते हैं। अर्चकों के ऐसे कृत्यों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। पीठ ने तब आश्चर्य जताया कि क्या तमिलनाडु में मंदिरों में यह स्थिति बनी हुई है कि लोग या भक्त मंदिरों के अंदर जो चाहें कर सकते हैं। इन सब चीजों को बदलना चाहिए।

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