स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर ने बताया कि जरूरत पडऩे पर जैसे ही कोई ऐम्बुलेंस बुलाने के लिए 102 या 108 नंबर पर कॉल करेगा, उसके पास एक मेसेज आएगा। इसमें ऐम्बुलेंस का नंबर, ड्राइवर का नाम और मोबाइल नंबर होगा। इससे ड्राइवर से बात कर उसकी लोकेशन पता की जा सकेगी। इससे कंट्रोल में लगातार आ रहे कॉल्स से निजात मिलेगी।
राज्य में सभी एम्बुलेंस, मोबाइल मेडिकल यूनिट, विभिन्न परियोजनाओं के तहत चिकित्सा सेवा आउट सोर्सिंग करने वाली एजेंसी जीवीके-ईएमआरआई को इसकी मंजूरी दे दी गई है। एम्बुलेंस में अपडेटेड ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सहित हार्डवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम बदलने के निर्देश दिए है। इस साल के अंत तक मोबाइल एप्लीकेशन लांच करने की योजना बना रही है जिसका इस्तेमाल कर लोग एम्बुलेंस या मोबाइल मेडिकल यूनिट बुला सकें।
अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि कॉल करने के बाद एंबुलेंस काफी देर से पहुंचती है। कई बार नहीं पहुंचने की भी बात सामने आती है। इसी समस्या को ध्यान में रखकर लाइव एप टै्रकिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है। जैसे ही कोई एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि एप से एंबुलेंस की सटीक जानकारी मिल सकेगी।