ये कार भले ही आज सड़कों पर दिखाई नहीं पड़ती और न ही कंपनी इसका निर्माण कर रही है लेकिन ये कार टाटा मोटर्स के मालिक रतन टाटा की ड्रीम कार थी और उन्हें आज भी अपनी इस पेशकश पर गुमान है। ये कहना है खुद रतन टाटा का। इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही एक पोस्ट में रतन टाटा की जिंदगी के कुछ पहलुओं के बारे में बात की गई है और इसी में उनके अपनी ड्रीम लखटकिया कार के बारे में विचारों को भी शेयर किया गया है।
इंतजार खत्म ! मार्च से शुरू होगी Tata Harrier, Nexon और Altroz की डिलीवरी
मुंबई की बारिश ने दिया Nano का आईडिया-
खैर 2008 में Tata Nano के लॉन्च होने के बाद इस कार से जुड़ी छोटी-बड़ी बात हर किसी को पता है लेकिन इसके पीछे की कहानी से लोग आज भी अन्जान है। इस पोस्ट में रतन टाटा ने इस राज से भी पर्दा उठाया है। रतन टाटा ने बताया कि कैसे उन्हें नैनो बनाने का ख्याल आया।
रतन टाटा ने बताया कि एक बार मुंबई में तेज बारिश के दौरान उन्होने देखा कि 4 लोगों की फैमिली एक ही बाइक पर सवार है । तब उन लोगों को इस तरह से स्ट्रगल करते देख उन्होने सोचा कि उन्हें ऐसे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए जो बारिश में भीगने को मजबूर होते हैं और अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हैं । बस उसी पल उन्होने लाख रूपए कीमत में छोटी फैमिली कार बनाने का पैसला किया ।
Tata Motors लाने वाला है माइक्रो एसयूवी, जानें क्या होगा खास
Nano प्रोडक्ट नहीं एक वादा था-
इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होने बताया कि नैनो उनके लिए एक वादा था जो उन्होने लोगों से किया था यही वजह थी कि लॉन्चिंग के वक्त प्रोडक्शन कॉस्ट ज्यादा होने के बावजूद उन्होने कार को पुरानी कीमत पर लॉन्च कर अपना वादा पूरा किया ।