गुप्त नीलामी के ज़रिए हुई थी बिक्री
सबसे महंगी बिकने वाली कार Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe की बिक्री को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। सुनने में अजीब ज़रूर लगता है, पर यही सच है। यूके आधारित एक वेबसाइट हैगर्टी (Hagerty) के अनुसार जर्मन कार निर्माता कंपनी इस बिक्री के बारे में ज़्यादा चर्चा से बचना चाहती थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जर्मनी में मर्सिडीज़ बेंज़ के एक संग्रहालय में 5 मई को इस कार की गुप्त रूप से नीलामी हुई थी, जिसमें कंपनी की तरफ से कठोर नियमों का पालन करना ज़रूरी था। इस नीलामी में करीब 10 बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया था।
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खरीददार ने भी गुप्त रखी अपनी पहचान
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे महंगी कार Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe को खरीदने वाले शख्स ने अपनी पहचान गुप्त रखी थी। हैगर्टी वेबसाइट के अनुसार इस शख्स ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर कार विशेषज्ञ Kidston SA के प्रमुख Simon Kidston को इस नीलामी में भेजा था।
दुनिया की सबसे महंगी कार की क्या है खासियत?
दरअसल कंपनी ने Mercedes-Benz 300 SLR रेसिंग कार के सिर्फ 2 ही मॉडल 1950 के दशक में बनाए थे, जिनमें से एक Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe मॉडल था। 1955 में कंपनी ने इस कार को बनाना बंद कर दिया था। ऐसे में सिर्फ 2 मॉडल होने की वजह से यह रेसिंग कार बहुत ही खास बन गई और इसकी रिकॉर्डतोड़ बिक्री ने इसे साबित भी कर दिखाया।
कंपनी ने क्यों किया इस कार को बंद?
क्या आप जानते हैं कि कंपनी ने इस रेसिंग कार के सिर्फ 2 मॉडल्स बनाकर ही इसे बंद कर दिया? इसकी वजह है एक कार दुर्घटना। साल 1954 में इस रेसिंग कार ने 12 में से 9 रेस जीतकर कमाल कर दिखाया था। पर 11 जून 1955 की Le-Mans रेस में इस कार की वजह से इसके ड्राइवर Pierre Levegh समेत 83 दर्शकों की मौत हो गई थी। इसी वजह से कंपनी ने इस कार के 2 मॉडल्स के बाद आगे के मॉडल बनाना बंद कर दिया।