यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड का 14 डिजिट का नंबर रैंडम तरीके से जेनरेट होगा। इस हेल्थ आईडी कार्ड में व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा रिकॉर्ड दर्ज होगा। इस रिकॉर्ड में इलाज संबंधित जांचें, रिपोर्ट, दवाएं, डिस्चार्ज आदि से जुड़ी जानकारियां शामिल होंगी। इस कार्ड की मदद से डॉक्टर मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री देख सकेंगे। इस कार्ड के बनने के बाद मरीज को अपना मेडिकल रिकॉर्ड कहीं लेकर आने-जाने की जरूरत नहीं होगी।
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इसे बनवाने के लिए सबसे पहले नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की वेबसाइट ndhm.gov.in पर जाएं। यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड नाम का ऑप्शन दिखेगा। इस पर क्लिक करें। यहां आधार नंबर पोस्ट करें। ओटीपी आएगी, उसे वेरिफाई करें। हालांकि, बिना आधार की जानकारी दिए भ्ी हेल्थ कार्ड बनवाया जा सकता है। इसके लिए आपको अपना मोबाइल नंबर देना होगा।
प्रोफाइल के लिए एक फोटो, जन्मतिथि , पता समेत कुछ बेसिक जानकारियां देनी होंगी। स्क्रीन पर फॉर्म खुलेगा, इसे भरें। फॉर्म सबमिट होते ही हेल्थ आईडी कार्ड बनकर आ जाएगा। इसमें आपके द्वारा दी गई जानकारियां, आपकी फोटो और एक क्यूआर कोड होगा।
आने वाले दिनों में बच्चों के लिए भी कार्ड बनवाने की सुविधा होगी। इसमें आप बच्चे के जन्म से ही पूरी जानकारियां दे सकेंगे। अभी यह फीचर वेबसाइट पर डेवलप किया जा रहा है। हेल्थ डाटा को लेकर एनएचडीएम का कहना है कि वह किसी का हेल्थ रिकॉर्ड स्टोर नहीं करता। इसमें कोई भी डाटा व्यक्ति की अनुमति के बिना स्टोर नहीं किया जा सकता। हेल्थ आईडी कार्ड के जरिए डॉक्टर केवल आपकी मेडिकल हिस्ट्री और डाटा देख सकते हैं। यदि आप डॉक्टर के बाद फिर इलाज के लिए जाते हैं तो बिना आपसे एक्सेस लिए कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
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हालांकि, यह कार्ड व्यक्ति की सुविधा के लिए है और इसे बनवाना अनिवार्य नहीं है। इसके अलावा एक बार बनने के बाद जब चाहे इसे खत्म किया जा सकता है। इसे आप स्थायी या अस्थायी तौर डिएक्टिवेट या एक्टिवेट भी कर सकते हैं। यदि यह कार्ड बनवाते हैं तो आपको मेडिकल दस्तावेज साथ में रखने की जरूरत नहीं होगी। यदि दूसरे शहर में इलाज के लिए जा रहे तो मेडिकल दस्तावेज की जगह सिर्फ यह कार्ड ले जाना होगा। डॉक्टर सभी केंद्रीय सर्वर से जुड़े होंगे और आपका रिकॉर्ड वहां आपकी अनुमति से देखा जा सकेगा।