बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में rbi गवर्नर शक्तिकांत दास ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दुनियाभर में बढ़ती महंगाई के कारण यह फैसला लिया गया है. आरबीआई गर्वनर ने आगे कहा कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़कर 7 फीसदी पहुंच गई. खाने-पीने की चीजों की महंगाई के कारण खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी. बताया गया कि देश में महंगाई दर 17 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी. ऐसे में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में सभी मेंबरों ने एकमत से रेपो रेट को बढ़ाने पर अपनी सहमति दी.
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रेपो रेट बढ़ाए जाने का आप पर क्या पड़ेगा प्रभाव
रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज उपलब्ध कराती है. यानि आरबीआई से कर्ज लेने पर बैंकों को 4 फीसदी के बजाए अब 4.40 फीसदी ब्याज चुकाना होगा. जब बैंकों को ज्यादा ब्याज देना होगा तो जाहिर है वे अपने ग्राहकों को भी ज्यादा ब्याज पर कर्ज देंगे. आसान भाषा में कहे तो यदि आपने किसी भी बैंक से कोई लोने ले रखी है तो उसका ईएमआई बढ़ जाएगा.
रूस-यूक्रेन में चल रहे विवाद को महंगाई का बताया कारण
गवर्नर ने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है. इस वित्त वर्ष की पहली बैठक पिछले महीने 6-8 अप्रैल को हुई थी. अगली बैठक जून में होनी थी. रेपो रेट बढ़ाए जाने से खाने के तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी संभव है. बढ़ोतरी के पीछे ग्लोबल सप्लाई चेन में आई दिक्कतों को कारण बताया जा रहा है. बता दें कि बीते करीब दो माह से रूस और यूक्रेन में चल रहे विवाद के कारण भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ी है.