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जानिए EMI और SIP में कौन है बेहतर विकल्प, कैसे लें फायदा

म्युचुअल फण्ड योजनाओं में सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान लगातार लोकप्रिय हो रहा है। ईएमआई से अगर एसेट बना रहे हैं तो अच्‍छा है।

Aug 06, 2017 / 01:39 pm

आलोक कुमार

EMI
नई दिल्ली. आज की युवा पीढ़ी अपनी आधुनिक जीवन शैली बनाए रखने के लिए नवीनतम उपकरणों (गैजेट्स), नए कपड़ों और अन्य आकर्षक सामान के प्रति अत्यधिक सम्मोहित रहती है। अच्छी बात यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट बेहतर है, जो उन्हें अच्छे वेतन पाने में मदद करती है, जिसे वे अपने साथियों के बीच सामाजिक हैसियत बनाए रखने पर खर्च कर सकते हैं। इस तरह पर्सनल लोन, कार लोन और होम लोन का उनकी पॉकेट पर बोझ बढ़ता चला जाता है। जब भी आप कोई लोन लेते हैं तो आप मासिक किस्तों के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं, जो एक निश्चित ब्याज दर के आधार पर लंबी या फिर छोटी अवधि के लिए होती है। इसके साथ ही आप फाइनेंस में कुछ निश्चित मनोवैज्ञानिक समायोजन भी करते हैं, ताकि एसेट निर्माण प्रक्रिया आसान हो।

कौन सा विकल्प सही?
अगर आप ईएमआई का भुगतान एसेट निर्माण में कर रहे हैं तो इसे अच्छा माना जाता है। जिस ईएमआई का भुगतान होम लोन के लिए किया जाता है, वह सही है, लेकिन जो ईएमआई कार लोन, क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के लिए चुकाई जाती है, वह सही नहीं है, क्योंकि आपको उसकी मूल राशि पर अधिक ब्याज देना पड़ता है और दूसरी ओर आपने जो सामान लिया है, उसकी कीमत भी समय के साथ कम होती जाती है। जबकि एसआईपी आप धीरे-धीरे एसेट का निर्माण करते हैं।
लोकप्रिय है एसआईपी
दूसरी ओर, म्युचुअल फण्ड योजनाओं में सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान लगातार लोकप्रिय हो रहा है। इसका प्रदर्शन अच्छा है और इसके तहत आप 500 रुपए का भी मासिक योगदान कर सकते हैं। कोई भी अपने कई निर्धारित आर्थिक लक्ष्यों को म्युचुअल फण्ड की एसआईपी के साथ जुड़कर और लगातार योगदान करके पूरा कर सकता है। ऐसे में हमारे समक्ष दो बेहतर विकल्पों के बीच एक के चुनाव का सवाल खड़ा हो जाता है।
 किसका चुनाव किया जाए?
मान लेते हैं कि अगली दिवाली पर आपने अपने घर के लिए एक नया सोफा- सेट खरीदने की योजना बनाई है, जिसकी कीमत तकरीबन 85000 रुपए है। एक विकल्प यह है कि आपने इसे खरीदने की योजना बनाई और दिवाली के समय आपने अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके इसे खरीद लिया और भुगतान करने के लिए इसकी कीमत को 12 महीनों की किस्तों में तब्दील कर लिया। ऐसा करने पर, आप लगभग 90,626 रुपए का भुगतान करेंगे। ईएमआई 7552 रुपए माना गया है और ब्याज दर 12त्न, जो बढ़कर 15त्न तक हो सकती है। यह अलग-अलग बैंकों पर निर्भर करता है। लेकिन अगर आप इसकी योजना बनाते हैं और पहले से ही इसके लिए बचत करना शुरू कर देते हैं, तो आपकी स्थिति बेहतर होती है। मान लीजिए आपको एक साल में 85000 रुपए जमा करने हैं तो बस प्रति महीना 6800 रुपए की एक एसआईपी की आपको आवश्यकता है। इस पर आप 10त्न रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। ऊपर दिए गए उदाहरण से साफ है कि यदि आप अपनी खरीदारी की योजना पहले से ही बना लें तो आप एक अच्छी राशि की बचत कर सकते हैं और ऐसा करने से आप अधिक सुरक्षित होंगे।

जरूरी चीजें ही खरीदें
हमेशा के लिए कर्ज के जाल में फंसने से बेहतर है कि आपको जिन चीजों की आवश्यकता है, उन्हें योजना बनाकर ही खरीदें। ऐसा नहीं करने पर आप पिछले लोन को चुकाने के लिए एक और लोन लेने पर मजबूर हो जाते हैं। सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) निवेश एक अनुशासित दृष्टिकोण देता है, जो कि बहुत ही कम राशि के साथ शुरू किया जा सकता है। बस जरूरत है उस वस्तु की राशि को जानने की, जिसे आप खरीदने की योजना बना रहे हैं।

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