IPO में निवेश की असफलता का कारण
बाजार में अस्थिरता: सितंबर 2024 के बाद से बाजार में आई गिरावट ने IPO की संभावनाओं पर असर डाला है।विदेशी निवेशकों की निकासी: अक्टूबर 2024 से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से भारी मात्रा में पूंजी निकाली है।
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स का प्रभाव: अमेरिका में बॉन्ड यील्ड्स में वृद्धि के चलते निवेशकों ने भारतीय बाजारों से पैसा निकालना शुरू कर दिया।
आंकड़ों पर नजर डालें तो
हाल ही में लिस्ट हुईं कंपनियों में से अधिकांश अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रही हैं। इसका सीधा मतलब है कि IPO निवेशकों को उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं दे पा रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि IPO में निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, बाजार की स्थिरता और निवेश का समय अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी
हालांकि, सोमवार को बाजार ने राहत की सांस ली।बीएसई सेंसेक्स: 454.11 अंकों की बढ़त के साथ 77,073.44 पर बंद हुआ।
एनएसई निफ्टी 50: 141.55 अंकों (0.61%) की तेजी के साथ 23,344.75 पर बंद हुआ।
इन शेयरों में दिखी मजबूती
कंपनी का नाम तेजी (%) बजाज फाइनेंस 3.58%एनटीपीसी 2.96%
भारतीय स्टेट बैंक 1.96%
पावरग्रिड 1.29%
टाटा स्टील 1.04% इन कंपनियों ने बाजार को संभालने में अहम भूमिका निभाई।
विदेशी और घरेलू निवेशकों का रवैया
एनएसई के डेटा के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने 17 जनवरी को 3,318.06 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों ने 2,572.88 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। इससे साफ है कि घरेलू निवेशक बाजार में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विदेशी निवेशकों की निकासी के कारण दबाव बना हुआ है।IPO में निवेश करना अब पहले जितना लाभकारी नहीं
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि IPO में निवेश करना अब पहले जितना लाभकारी नहीं रह गया है। IPO को एकमात्र मुनाफे का जरिया समझने वाले निवेशकों को अब सतर्क रहना चाहिए। कंपनी की मजबूती, मार्केट ट्रेंड और वित्तीय स्थिति का अध्ययन किए बिना निवेश करना घाटे का सौदा हो सकता है।निवेशकों के लिए सुझाव
- IPO में निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति और कंपनी की परफॉर्मेंस का विश्लेषण करें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर विचार करें।
- अस्थिरता के दौरान निवेश से बचें और बाजार को स्थिर होने का समय दें।
- विशेषज्ञों की सलाह लें और निवेश से जुड़े जोखिम को समझें।