वर्ल्ड बैंक के अगस्टे तानो कुआमे ने कहा कि भारत बहुत महत्वाकांक्षी है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं। इसके साथ ही और अर्थव्यवस्था को तेजी लाने के लिए कई प्रयास सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं।
विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने कहा कि इस एक साल के दौरान भारतीय रुपए में केवल 10% की गिरावट आई है, जो अन्य उभरते हुए मार्केटों की तुलना में उतना खराब प्रदर्शन नहीं रहा है।
विश्व बैंक ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वैश्विक आर्थिक मंदी और कमोडिटी की ऊंची कीमतों का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 की तुलना में 2022-23 में कम पड़ेगा। कई चुनौतियों के बाद भी मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत में मजबूत GDP विकास दर्ज करने और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने की उम्मीद है।