महामारी पूर्व के स्तर पर जीडीपी-
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 की दूसरी छमाही में पुनरुद्धार से सकल घरेलू उत्पाद अपने महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में हमने 2021-22 के ग्रोथ रेट के अनुमान को 11 फीसदी से संशोधित कर 12.8 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही फिच ने कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद हमारे महामारी पूर्व के अनुमान से नीचे रहेगा।
अनुमान से अधिक तेजी से उबरी-
दिसंबर तिमाही के दौरान सालाना आधार पर जीडीपी में 0.4 % की बढ़ोतरी हुई। इससे पिछली तिमाही में जीडीपी में 7.3% की गिरावट आई थी। 2020 के कैलेंडर साल की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था लॉकडाउन की वजह से मंदी में चली गई थी, लेकिन उसके बाद यह अनुमान से अधिक तेजी से उबरी है।
मूडीज पहले ही जता चुकी है भरोसा-
इससे पहले, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि पिछले साल 7.1 % की गिरावट के बाद अर्थव्यवस्था की निकट भविष्य की संभावनाएं अधिक अनुकूल हो गई हैं। अंकुशों में ढील के बाद मांग सुधरी है। इससे हालिया महीनों में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है। मूडीज ने कहा कि हमारा अनुमान है कि निजी खपत और गैर निवासी निवेश में अगली तिमाहियों में बढ़ोतरी होगी, जिससे 2021 में घरेलू मांग में सुधार होगा।