पिछले वित्त वर्ष इराक रहा सबसे बड़ा निर्यातक-
ईरान से तेल आते ही न केवल बाजार में दाम नरम होंगे, बल्कि इससे भारत को आयात स्रोत को विविध रूप देने में भी मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2020-21 में इराक भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा। उसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान रहा। नाइजीरिया का चौथा तथा अमरीका का स्थान पांचवां था।
85 फीसदी आयात करता है भारत-
भारत तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। भारत एक समय ईरान का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था। ईरान के कच्चे तेल से कई लाभ हैं। इसमें यात्रा मार्ग छोटा होने से माल ढुलाई लागत में कमी होती है तथा भुगतान के लिए समय मिलता है। अमरीका के 2018 में ईरान पर पाबंदी लगाए जाने के बाद से निर्यात घटता चला गया। पाबंदी से भारत समेत कुछ देशों को छूट दी गई, जो 2019 में समाप्त हो गई।
जहां सस्ता तेल मिलेगा, वहीं खरीदेगा-
पिछले दिनों पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि वह कच्चे तेल की खरीद किसी ऐसे देश से करेगा, जो अनुकूल कारोबारी शर्तों के साथ सस्ती दरों की पेशकश करेगा। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश भारत की रिफाइनरी कंपनियां आपूर्ति में विविधीकरण के लिए पश्चिम एशिया के बाहर से अधिक तेल की खरीद कर रही हैं। फरवरी में अमरीका, सऊदी अरब को पीछे छोड़कर भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया था। प्रधान ने कहा था कि आयात पर निर्णय से पहले भारत अपने हितों का पूरी तरह ध्यान रखेगा।