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ITR सत्यापन के लिए IT विभाग ने दी राहत: जानें क्या है इसका अर्थ?

आयकर विभाग ने करदाताओं (Taxpayers) को बड़ी राहत दी है। IT विभाग ने बताया कि सीबीडीटी (CBDT) नेआयकर रिटर्न (ITR) के सत्यापन की समय सीमा को बढ़ा दिया है। जिन करदाताओं ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अबतक ITR (आयकर रिटर्न) का ई-सत्यापन (E-Verification) नहीं किया है उनके लिए ये एक बड़ी राहत की खबर है।

Dec 29, 2021 / 02:25 pm

Mahima Pandey

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आयकर विभाग ने करदाताओं (Taxpayers) को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि सीबीडीटी (CBDT) नेआयकर रिटर्न के सत्यापन की समय सीमा को बढ़ा दिया है। जिन करदाताओं ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अबतक ITR (आयकर रिटर्न) का ई-सत्यापन (E-Verification) नहीं किया है वो अब 28 फरवरी 2022 तक इसे पूरा कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 119 (2) (ए) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एकमुश्त छूट (One Time Settlement) दी है।
https://twitter.com/IncomeTaxIndia/status/1475868914370297857?ref_src=twsrc%5Etfw
आयकर बविभाग ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि “केंद्रीय य प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने साल 2020-21 के लिए ई-फाइल आईटीआर में एकमुश्त छूट दी है जो आईटीआर-वी फॉर्म जमा नहीं कर पाए हैं, या जिनका ई वेरीफिकेशन लंबित है के कारण सत्यापन के लिए लंबित हैं।” इसके लिए CBDT ने सर्कुलर भी जारी किया हो।

क्या है इसका अर्थ ?

इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो आयकर रिटर्न को सत्यापित नहीं कर सकें। CBDT ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इसका संबंध 31 दिसंबर, 2021 को वित्त वर्ष 2020-21 से नहीं है। सत्यापन के लिए केवल उन व्यक्तियों को राहत दी गई है जिनका AY2020 के लिए ई-फाइल किए गए ITR के लिए सत्यापन करना बाकी है।

CBDT ने कहा, “डिजिटल हस्ताक्षर के बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से ITR दाखिल किया जाता है। इसके बाद ओटीपी, नेटबैंकिंग, डीमैट खाते के जरिए जो कोड मिलता है उसे बैंक अकाउंट नंबर के EVC, या ATM के EVC (Electronic Verification code) सत्यापित करना होता है। ये सत्यापन आयकर रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के अंदर करना आवश्यक है।”

बता दें कि आयकर रिटर्न की प्रक्रिया पूरी करने के लिए ITR दाखिल करने के बाद उसे सत्यापित करना आवश्यक होता है। यदि तय सीमा पर आप ऐसा करने में सफल नहीं हुए तो आयकर रिटर्न अवैध माना जाएगा। आयकर विभाग कानूनी रूप से एक्शन ले सकता है। CBDT ने भी स्पष्ट किया है कि सत्यापन करने में असफल होने पर उस व्यक्ति को आयकर अधिनियम, 1961(‘अधिनियम ’) के तहत परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

बता दें कि अधिनियम की धारा 119 (2) (ए) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय सीमा को बढ़ाया गया है।

पहले भी बढ़ाई जा चुकी है समय सीमा

गौरतलब है कि कोरोना के कारण इससे पहले भी दो बार आयकर विभाग द्वारा आयकर रिटर्न को सत्यापित करने के लिए समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसके पीछे का कारण उन्होंने आयकर विभाग के पोर्टल में या रही तकनीकी खराबी को बताया है। कुछ की शिकायतें है ओटीपी उन्हें प्राप्त नहीं होता या फॉर्म अपलोड करने में दिक्कत या रही है। यही कारण है कि अब लंबे समय से इसे बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

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