सिटीग्रुप ने भारत में वर्ष 1902 में दस्तक दी थी। जबकि अपना कंज्यूमर बैंकिंग कारोबार 1985 से ही शुरू कर दिया था। भारत से कारोबार समेट के सिटी ग्रुप के फैसले के पीछे कारोबार के लिए कम मौके या भारत में लागू बैंकिंग नियम को अहम माना जा रहा है।
1902 में सिटी बैंक की भारत में एंट्री
35 ब्रांच देशभर में
25 लाख ग्राहक देशभर में
04 हजार कर्मचारी कंज्यूमर सेक्टर से जुड़े यह भी पढ़ेँः SBI ने बताया क्यों आपके अकाउंट से काटे जाते हैं पैसे
सिटीग्रुप ग्लोबल कंज्यूमर बैंकिंग बिजनेस में सिंगापुर, हांगकांग, लंदन और यूएआई मार्केट में कारोबार जारी रखेगा। सिटी ग्रुप की सीईओ जेन फ्रेजर के मुताबिक यह फैसला कंपनी की रणनीति समीक्षा का हिस्सा है। इस निर्णय का कारण इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा में पैमाने का अभाव बताया।
भारत के कई शहरों में सिटी बैंक की ब्रांच हैं। इनमें लखनऊ, अहमदाबाद, औरंगाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, जयपुर, कोच्चि, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, नासिक, नई दिल्ली, पुणे, हैदराबाद और सूरत जैसे शहर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से वैश्विक कारोबार पर ध्यान देता रहेगा।