6 साल पुरानी फाइलों को तो नोटिस नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सीबीडीटी ने कहा कि 2015-16 और 2016-17 के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा जा सकता है।
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इसके लिए 30 दिनों के भीतर रीअसेसमेंट की प्रक्रिया शुरू कर इसकी जानकारी टैक्सपेयर को दी जाए। CBDT ने कर अधिकारियों से ये भी कहा है कि वे करदाताओं को री-असेसमेंट के लिए दो हफ्तों का समय दें। सीबीडीटी ने इसके साथ ये भी कहा है कि, अगर करदाता की ओर से कोई समय बढ़ाने का अनुरोध आता है तो समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।
बता दें कि, सरकार ने बजट में इनकम टैक्स असेसमेंट को फिर से खोलने के समय को 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दिया था, इसके साथ ही रीअसेसमेंट के लिए नोटिस भी भेजे गए थे। इसके बाद इन नोटिसों को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
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