अमरीका से आते हैं सबसे अधिक ऑर्डर
राजस्थान से होने वाले निर्यात में सबसे ज्यादा 60 फीसदी हिस्सेदारी अमरीका की है। मंदी और महंगाई के चलते अमरीका के कई बड़े बायर्स दिवालिया होने के कगार पर हैं। साथ ही, अमरीका के कई बड़े ग्राहकों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है। अमरीका में मंदी के हालात होने पर प्रदेश के निर्यातकों में खलबली मच गई है। ऐसे में जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों को आने वाले समय में करीब एक हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है।
हमसे ज्यादा संकट हमारे वेंडर्स पर : जसवंत मील फेडेरेशन ऑफ राजस्थान हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टस के पूर्व अध्यक्ष और जयपुर स्थित हस्तकला हैंडीक्राफ्ट के एमडी जसवंत मील ने बताया कि अमरीका में मंदी का असर निश्चित रूप से राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री पर दिख रहा है। बड़े एक्सपोर्ट्स तो अभी कुछ संघर्ष करते दिख रहे हैं, क्योंकि उनको उम्मीद है कि उनके पास जो ऑर्डर आए हैं या जो ऑर्डर डिलीवरी के लिए लाइन में हैं वो अगले कुछ महीन में साकार हो जाएंगे। लेकिन इस बीच नए ऑर्डर नहीं मिलने से या इन्वेंटरी अधिक होने से फिलहाल एक्सोर्टन नया माल नहीं बनवा रहे हैं और वेट और वॉच की नीति अपनाए हुए हैं। इसलिए जो एक्सपोर्टर्स हैं वो अपने वेंडर्स को बहुत काम नया काम दे रहे हैं। मील ने बताया कि सामान्य दिनों में हालात ये होते थे कि हमें अपने कारीगर या ठेकेदार के पीछे भागना होता था कि वो जल्द उनका काम निपटा दे। अब हालात उल्टे हो गए हैं। कारीगर और ठेकदार खाली बैठे हैं और हमसे काम की मांग कर रहे हैं, लेकिन हम उन्हें अनिश्चितताओं की वजह से काम नहीं दे पा रहे हैं। मील ने बताया कि ये स्थिति ज्यादा समय तक नहीं चल सकती। फिलहाल आंशिक बेरोजगारी के हालात हैं, लेकिन वेंडर अगर काम बंद करके चले गए और खेत में या फिर किसी दूसरे काम से जुड़ गए तो फिर इस कारोबार को पटरी पर लौटाना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
काम ठप हो गया आइए आपको बताते हैं कि दूसरे अन्य निर्यातक इस मामले में क्या कह रहे हैं। हमने इस मसले पर जोधपुर के कई हैंडीक्राफ्ट निर्यातकों से बात की है। सभी ने हालात काफी चिंताजनक बताए हैं…
निर्यात प्रभावित कोरोनाकाल के बाद अंतरराष्ट्रीय शिपिंग कम्पनियों की ओर से माल-भाड़े में बढ़ोतरी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भी मंदी का असर बढ़ा है। इससे हैण्डीक्राफ्ट निर्यात प्रभावित हुआ है।