हिंदी के विद्वान डॉक्टर जैन ने कहा कि हिंदी भाषा पतन के लिए सरकार जिम्मेदार है।मतदान से लेकर शपथ तक हिंदी भाषा की प्रक्रिया में होता है, जैसे की नेता कुर्सीपर बैठते हैं पूरी प्रक्रिया अंग्रेजी में शुरू हो जाती है। उन्होंने सरकार की एफडीआईनीति के बारे में कहा कि इससे अंग्रेजी को देश में और बढ़ावा मिलेगा। लोग अंग्रेजी भाषा में ढल जाते हैं, जबकि चीन, जापान, फ्रांस, रूस यह ऐसे विकसित राष्ट्रीय है, जिन पर अंग्रेजी की मानसिकता नहीं है, यह आज भी खुद की भाषा चलाते हैं।