पढ़ें ये खास खबर- अनियंत्रित होकर पलटा पेट्रोल से भरा टैंकर, जान की परवाह किये बिना पेट्रोल भरकर वाहनों में डालते दिखे लोग
झाबुआ में कर्यरत हैं SDM विशा माधवानी
आपको बता दें कि, मामले की जांच बुरहानपुर ADM द्वारा की गई थी। इसी आधार पर आरोपियों पर धोखाधड़ी, गबन, आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया गया है। ये भी बता दें कि, फिलहाल एसडीएम विशा माधवानी झाबुआ जिले में कार्यरत हैं।
पढ़ें ये खास खबर- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का राम मंदिर ट्रस्ट पर हमला, कहा- ‘चंपत राय जिम्मेदार नहीं, PM मोदी तुरंत उन्हें ट्रस्ट से हटाएं’
जानिये क्या है मामला
गौरतलब है कि, साल 2018-2019 में बोरबन तालाब निर्माण में 15 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जिसकी आधी राशि निर्माण और आधी राशि मुआवजे पर खर्च हुई थी। इसी में आदिवासी रामेश्वर कल्लू की 15 एकड़ जमीन भी शामिल थी, उसे भी मुआवजे की राशि देनी थी। लेकिन, इसी बीच आरोप लगा कि, संबंधित अफसरों और बैंक कर्मियों ने मिलकर फर्जीवाड़े से हितग्राहियों के नाम का फर्जी खाता खोला है, जिसकी मदद से इन्होंने 42 लाख रुपये निकाले हैं। मामले की 45 दिन तक जांच चली, जिसके बाद विशा माधवानी समेत उनके लिपिक पंकज पाटे, बैंक मैनेजर अशोक नागनपुरे, बैंककर्मी अनिल पाटीदार, होमगार्ड जवान समेत अन्य लोगों को दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई।
कोरोना वैक्सीन से जुड़े हर सवाल का जवाब – जानें इस वीडियो में