बुरहानपुर में सवा करोड़ खर्च कर बनाए गए मोहल्ला क्लीनिकों पर लटक रहे ताले
– शहर में 10 मोहल्लों में बनना है क्लीनिक
बुरहानपुर. दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों की तर्ज पर शहर में भी 10 संजीवनी क्लीनिक खुलना है। एक साल में 5 मोहल्लों में क्लीनिकों का निर्माण पूरा होकर स्वास्थ्य विभाग को भवन हैंंडओवर हो गए, लेकिन बड़ी बात यह है कि जब जिला और सामुदायिक अस्पतालोंं में डॉक्टरों का अभाव है तो मोहल्ला क्लीनिकों में कहा से स्टॉफ आएगा आएगा। हालात यह बने कि अब सवा करोड़ खर्चकरने के बाद भी मोहल्ला क्लीनिकों पर ताले लटके पड़े हैं। अब यह सरकारी भवन असामाजिक तत्वों के लिए अवैध काम के अड्डे बनकर रह गए।
शासन ने नए भवनों के निर्माण पर 25 लाख रुपए प्रति यूनिट और पुराने भवनों की मरम्मत पर करीब 16 लाख रुपए दिए गए थे। नगर निगम ने दाऊदपुरा, नेहरू नगर, मालीवाड़ा, मोमिनपुरा और गुलाबगंज एसआइसी बीमा अस्पताल परिसर में निर्माण पूरा करने के बाद भवनों को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया गया। जबकि राजीव नगर, सिलमपुरा सहित अन्य तीन स्थानों पर निर्माण चल रहा है। निर्माण हुए 5 भवनों को करीब 5 माह से अधिक होने के बाद भी संजीवनी क्लीनिकों को भी अब तक शुरू नहीं किया गया, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टर्स, स्टाफ तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जहां पर भवन बनकर तैयार है उनका दुरूपयोग भी शुरू हो गया है।
5 माह से खाली पड़े भवन, उपकरण नहीं
मोहल्लों में क्लीनिक भवन लगभग 6 महीने से बनकर तैयार हैं। हैंड ओवर होने के बाद भी उपकरण, फर्नीचर सहित अन्य संसाधन नहीं आए हैं। इसके अलावा डॉक्टर और स्टाफ की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। इस कारण संचालन अभी तक शुरू नहीं हो पाया। संजीवनी क्लीनिक चालू होने से सैकड़ों लोगों को पास ही में इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। क्लीनिक के भवन में शरारती तत्व बैठ रहे है।भवन की खिड़कियों से पत्थर, मिट्टी और गंदगी कर दी गई। प्लास्टर को भी नुकसान पहुंचा रहे है।
डॉक्टर्स की भेजी है डिमांग, जनवरी में शुरू होंगे
सीएमएचओ डॉक्टर राजेश सिसोदिया ने कहा कि जिलेभर में 11 संजीवनी क्लीनिक स्वीकृत है। शहरी क्षेत्र में 10 और नेपानगर में एक क्लीनिक है। नेपानगर और शहर में 5 क्लीनिकों के भवन तैयार हो गए है, लेकिन यहां पर डॉक्टर्स और स्टाफ हमें अभी तक नहीं मिला है। शासन स्तर पर डॉक्टर्स की नियुक्तिां करने की प्रक्रिया चल रही है जल्द ही डॉक्टर्स मिलते ही संजीवनी क्लीनिकों को स्टाफ के साथ जनवरी माह से शुरू कर दिया जाएगा। शासन स्तर पर लगातार पत्राचार कर स्टाफ की मांग की जा रही है।
क्यों खोले मोहल्ला क्लीनिक
दरअसल मौसमी बीमारियों के साथ सर्दी, खांसी, बुखार और छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को जिला अस्पताल नहीं जाना पड़ता है। मोहल्ला क्लीनिकों पर ही प्राथमिक इलाज मिलेगा तो जिला अस्पताल की ओपीडी का बोझ भी कम होगा। मोहल्ला में सरकारी क्लीनिक नहीं होने से मरीजों को 5 किमी दूर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। क्लीनिक में एएनसी (गर्भावस्था पंजीयन व जांच), ईएनटी, शिशु रोग, टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। क्लीनिक पर इलाज करवाने वाले को मुफ्त दवाइयां भी दी जाएगी। पैथोलॉजी लैब का भी प्रावधान है, जिसमें कुछ जांच यहां पर हो सकेगी।
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