रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में 4 दिसम्बर को कोटा के अभेड़ा बॉयलोजिकल पार्क से लाए गए बाघ ने शिकार करना शुरू कर दिया है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में मां की मौत के बाद बेसहारा हुए ढाई माह के दो शावकों को कोटा के अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क में डेढ़ साल तक पाला गया और करीब 22 माह के युवा होते एक नर शावक को रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में लाया गया था। वहीं मादा शावक को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के उप वन संरक्षक संजीव शर्मा ने बताया कि करीब डेढ़ सौ किलो के नर शावक के विशेष क्लोजर बनाया गया है। क्लोजर में छोड़े जाने से पहले उसे रेडियो कॉलर भी पहनाई गई। अब तक अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क में रहने के कारण उसे जंगल के अनुरूप ढालने के लिए इंतजाम किए गए है। उक्त बाघ अब तक दो शिकार कर चुका है तथा धीरे धीरे जंगल के माहौल के अनुरूप ढल रहा है।