जानकारी के अनुसार 2007 में प्राइमरी स्कूल भवन के लिए डेढ़ बीघा जमीन में सरकार के द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए चार कमरे, एक कीचन, लेटबाथ और पानी की टंकी का निर्माण कराया था, उस समय स्कूल में यहां चहल पहल हुआ करती थी। 2011 में एक कमरे में आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया। 2013-14 में सरकार के द्वारा कम बच्चे होने के कारण प्राइमरी स्कूल को माध्यमिक स्कूल चितावा में मर्ज कर दिया गया। उसके बाद से इस भवन का कोई उपयोग नहीं हुआ, जिसके चलते ग्रामीणों के द्वारा अपने निजी वाहन व खेतों की फसल और मशीनें खड़ी करना शुरू कर दिया।
लोगों ने कमरों के गेट तोड़ उपयोग करना शुरू कर दिया और स्कूल के सामान भी चोरी कर ले गए। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद भी स्कूल के मुख्य गेट पर ताला नहीं लगाया जा रहा है और देखभाल नहीं करने से पूरा स्कूल भवन खंडहर में तब्दील होकर अतिक्रमण की चपेट में आता जा रहा है। इसकी सुरक्षा की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि पुरानी स्कूल भवन पर प्रशासन का ध्यान नहीं होने से लोगों के द्वारा सुरक्षा दीवार तोड़ दी गई है। स्कूल में बनी पानी की टंकी देखरेख का अभाव में जर्जर होती जा रही है।
चितावा प्रधानाचार्य हुसैन मोहम्मद ने बताया स्कूल में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है समय-समय पर स्कूल का निरीक्षण किया जाता है। हमारे पास मरम्मत करने का बजट नहीं है। इस भवन को इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। बजट आने पर स्कूल की मरम्मत करा दी जाएगी। वर्तमान में स्कूल भवन में आंगनबाड़ी संचालित है।